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अध्यकुली
अष्टपादा
महापन, शंख, कुलिक, कंबल, अश्वतर, पृतराष्ट्र (Load ) और लौह ( Irol.)। किसी • भौर बलाहक हैं।
किसी ने पीतल के स्थान में पारद लिखा है। अष्टकुलो ashakuli-हिं० वि० [सं०] सौपा | देखी-श्रष्टलाइक ।
के पाठ कुलों में से किसी में उत्पन्न । अष्टधात्री ashta-dhatri) प्रष्ट कारण ashtakona-हिं. संज्ञा पु.. [सं०] !
[सं०] अष्टधाती ashta-dhati -हिं० वि० (१) वह क्षेत्र जिसमें पाठ कोण हों। [ सं० अष्टधातु ] अष्ट धानुओं से बना वि० [सं०] पाठ कोने वाला । जिसमें पाठ हुआ । (A co 'pound of eight metकोने हो।
als.) अष्टगंध asha.gandha हिं० संज्ञा पु ! अष्टपद ashta-pada-हि. संज्ञा प देखो
- [सं०] पाठ सुगंधित द्रव्यों का समाहार । श्रष्टपाद । ..: दे० गंवाएक।
| अष्टपदी ashtr-patli -स) नो वेज नाम से अष्टगाधः ashta-gadhauh सं० पु... (१) प्रसिद्ध एक पुष्प सुप विशेष । बेल फुलेर--गाछ
ऊण नाभि । See - Urns-nābhih. । (२) -बं। (A shrub named Vela.) शरभ 1 Seersharabha.
गुण -शीतल, लघु, कफ पित्त तथा विष अष्टगुण मण्डः ashta-guna-mandah- नाशक | मद०व०३ ।।
-सं०प० जिस गाँड़ में धनिया, सोंठ, मिर्च, | शष्ट पलम् ashti-ptlam-.सं. नी. शराद पीपल, सेंधानमक और छाछ डालकर भूना मान (=६४ तो० अर्थात् । सेर १) | sh:जाए तथा भूगी हींग और तैल पड़ा हो उसे rava (A measurement=one se. अष्टगुणमण्ड कहते हैं।
er.) गुण-दीपन, प्राणदाता, वस्तिशोधक, रुधिर ! अष्टालक घृतम् asara.palaki-ghri ] वद्धक, ज्वरनाशक और प्रत्येक रोगों को नष्ट |
tam--सं० क्ली। करता है । यो० त०।
अष्टपल घृतम् ashta-pla-ghritam |
- -सं० क्ली अष्टदल ashta-dala-हिं० संज्ञा प [सं०] ! पाठ पत्ते का कमल |
-सं० क्लो० ग्रहणी नाशक योग विशेष । - वि० [सं०] (१) अाठ दल का । (२)
यथा साँ, मि, पीपल, हड़, बहेडा, पाठ कोन का, श्राउ पहल का ।
श्रामला, प्रत्येक ४-४ तो० इनका कक बनाएँ और अष्टधातुः ashta-dhatuh-सं० प० ।।
बेलगिरी ४ तो०, गुड़ १ पल तथा घृत ३२ तो०
को फल्क युक्त पकाएँ। अष्टधातु ashra-dhātu-हिं. संज्ञा स्त्री०,
इसे उचित मात्रा में भत्रण करने से मन्दाग्नि - अाठ धातुएँ यथा-१-सुवर्ण, २-रूपा, ३-शीष
रोग नष्ट होता है। बंग से० सं० ग्रहणी । (सीसक), ४-ताम्र ५-पित्तल, ६-रंग (राँगा),
चि० । च० द० । ७-कान्त लोह, औरह-गुण्डलौह । किसीने पिसल के स्थान में तीदण लोह लिखा है। र सो श्रष्टपात्-द: ashtapāt,dah-सं० प.. सं०टी०।
| अष्टपाद ashti-pada-हिं० संज्ञा पु.. । नोट-किसी किसी ने इसकी गणना इस
(१)कःश्मीर देशीय शरभ, शरध, शार्दूल । मद० - प्रकार की है-१-सुवर्ण (Gold.), २-रूपा- घ० १२ । (२) ऊण नाभि, लूता, मकड़ी । aii ( Silver. ), a arat ('opper. , हेच०४ का० । ४-पीतल ( Brass.), ५-राँगा ( Tin.), ! अष्टपादपः ashta-pada pah-सं० पु. वृक्ष ६-जस्ता ( Bell-metal, ), ७-सीसा भेद । (A sort of tree. ) वै० निघः ।
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