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अगड़ा
श्रगड़ा agadá-हिं० संज्ञा पुं० (देश) ज्वार बाजरे श्रादि अनाजों की बाल जिसमें से दाना झाड़ लिया गया हो । खुखड़ी, श्रवरा | अगरण agana -हिं० वि० जिसकी गिनती न हो | श्रगति agati - हिं० संज्ञा ० [सं० ] ( १ ) गति का उलटा ( २ ) स्थिर व अचल पदार्थ | श्रगतिक agatika - हिं० वि० [सं०] निराश्रय जिसकी कहीं गति वा पैठ न हो ।
श्रगत| agati-हिं० संज्ञा स्त्री० ( १ ) चक्रमर्दक, चकौड़ | दुघ्न | दादमईन | Cassia tora ( २ ) | अगस्तिया, अगस्त, ( Agati Grandiflora. )।
श्रगति agatti-ता० गु०, मला० हिं० श्रगस्तिया श्रस्य वृक्ष | Agati Granddiflora. अगतीहून agatihúna-० पु० एकदा जो मय जड़ और पत्तों के स्वर में दी जाती है । मु० आ०
श्रगश्रिया agathiya - हिं० | Agati Grअगथियो agathiyo - गु० j andiflora
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श्रगस्तिया, श्रगस्त का पेड़, अगस्त्य वृर । अगद agula-हिं० संज्ञा पु ं० ) ( १ ) रोग रहित अगदः agadah-सं० पु० ) Healthy
( २ ) श्रीषध (Medicine ) ० नि०
व० २० ।
श्रगदम् ayadam - सं० क्ली० (१) श्रारोग्य, स्वस्थ, निरोग ( Healthy ) रा० नि० ० २० बा० उ० ३५ श्र० ( २ ) प्रति विष, विषधन श्रीषध -ft. कादे जहर - फा० । तिर्याक - ० 1 Antidote- इं'० ।
गदङ्करः againkarah } अगमङ्कारः agadnkárah j
चिferee (tA physician ) | रा० नि०
व० २० ।
अगदतंत्र again tantra श्रगदतन्त्रम्agada-tantram J
-सं०, पुं० वैद्य
सं०ली० त्रिप
चिकित्सा विषयक तन्त्र, निखिल स्थावर व जङ्गम विष चिकित्सा; विष तन्य ( शास्त्र ) । इल्मुस्सम्मियात् इल्मुस्सुम्म य० । टॉक्सि
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श्रगना
कॉलॉजी (Toxicology. ) - इ' यह शब्य श्रादि श्रष्टविध तन्त्रार्न्तगत वैद्यक का एक अंग विशेष है । जिसमें सर्प बिच्छू आदि के विष से पीड़ित मनुष्य की चिकित्सा का विधान हो । ॐ० सू० १ ०
व अगद
वह शास्त्र जिसमें दिषों के वर्गीकरण, उनके मनुष्य शरीरादों पर होने वाले प्रभाव एवं लक्षण तथा उपचार और चिकित्सा प्रभूति का पूर्ण विवेचन किया जाय । अगदनस्यम् agada-nasyaan-सं० लो०, सर्पदं प्रभुति विषयक नस्य विशेष, विष के नस्य(Stermutatoly used in snake poisoning ) लु० कप० । अगदाञ्जनम् agadanjaman-ic, लीo, विष द्वारा मूच्छित हुए प्रभुति का अंजन, विषघ्न. अंजन ( Collyrium used as antidote to poison1. ) सु० करप० । श्रगदेश्वः agadeshvarah-सं० पु० योग
शुद्ध गंधक १ भाग, पारद १ भाग, मैनशिल १ भा०, वर्क चांदी १ भाग, हरताल १ भाग, शुद्ध अभ्रक भस्म गंधक का चौथाई भाग, चूर्ण कर इनें हंसराज, चिकुर और नीतू के रस की सौ भावना दें फिर श्रतशी शीशी में रख बालुका यंत्र द्वारा ३२ पहर की च दें।
मात्र चना प्रमाण ।
गुण- यह उचित अनुपान से प्रत्येक रोगों को नष्ट करता है | २० यो० खा० ।
अगन aghana o मिनमिना वह व्यक्ति जो नकिया कर बात करे ।
गश्रनत 200a-हिं० संज्ञा स्त्री (१) दे० अग्नि । ( २, ६० अगण |
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| अगन चश्मानोका agana-chashmanokaहिं० पु० श्रतशी शीशा, सूर्य-कान्त- मणि, श्रग्नि-गर्भ ( 'The sun-stone ) - अगनश aghanasha-यमo, हजार, नौसादर, नृसार । ( Ammonii chloridun ) श्रगना gana -उ० प०सू० धामन | मेमो