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अश्कर ashga.la-अ० रकवर्ण जो पीत एवं अंगुली-मूल-संधि । जौहरी का वचन है कि
श्याम प्राभा लिए हुए हो । रोग विज्ञान में उस । अंगुलियों की संधिया तीन हैं,-प्रथम मूत्र (कारोरा ) को कहते हैं जिसका रंग ल लोई जो संधि मूल में स्थित है, इसे अश्ज कहते लिए पीसा हो । रेडिश येलो.( Radish ye. है; द्वितीय जो मध्य में स्थित है बुर्जुमह, How.)-ई..
(Phalange) नाम से अभिहित होती है अश्काकुल ashqaqulu-अ० शकाकुल। एक:
और त्रितीय जो ऊपर स्थित है अन्मिलह प्रसिद्ध जड़ है जिसको हिन्दी में “दूधाली" ( Tip of the finger. ) कहलाती है । कहते हैं । (Asparagus ascend..
(२)उश्शक,उश्शज । ( An moniacuin.) Yens, Rosb.) .. :: . . . . अजार ashjar-० (५० व. ), शजर अश्कानी ashkāni-तिबि० चौलाई, तण्डलीय।
(ए. ३०) वृक्ष, पेड़ । ( 'I'rees.) स० (: Amarantus. 'thus' spino.
smino.. फा० इ०। लु० कि० ! देखो-वृक्षः।
श्रश्न ashta-मह० प्रह वृक्ष, पाकर, पाखर, अश्कील ashkila-उसज एक 'वन A पकरी । ( Ficus rumphii, Bl. ) :- tree.:).
फा० इ०३ भा० । अश्कन Ishqura-तु. रेवास: See- अश्तर ashtar-० फटे नेत्रवाला, दरीदा ____Raibasa. . . . . . . .
चश्म । यह संहज या प्रकृत रोग है। .. प्रश्के मरियम' ashke-mariyum-फा अश्वबून ashtabāna -मिश्र० : बस... करज, करम्जुश्रा । ( Pongainita gla. अश्तरान ashtaraun फाइज, खंकाली bra..)
| -हिं । ( Polypodium.) अश्यार ashkhairaj ...
अश्तला बूस ashtalabusa-रू. कायफल । शुखार- shal hira रासाः भारतीय सजी,
( Myrica nagi, Thunb. ) . सर्जि । बैरिल्ला (Barillt. )-ई। देखो- अश्ता ashta-हिं० काञ्चनार, कचनाल, मक्कुप्रा ।
सोडियाई कार्बोनास या सोडा। | (auhinia variegata.) . (इ)श्खोस · aishkhisa-० अस्दुल अश्दक ashdaqa-० चौड़े मुंह वाला, बड़े
वावा - बरखा। ख़ामालावन-या बकरायन मुह वाला। : -इल्दलु० । किसी किसी के मतानुसार वरवरी | अश्वाक ashdaqa-१० ( ब. व. ), - भाषा में इसे "वहीद"और फारसी में "मश्तरू" !: शिद्क़ (ए० व०) गोशहे दह ने । मुख कोण,
कहते हैं। किसी किसी ने इसे माजरियून स्याह | मुख का कोना । का एक भेद लिखा है, तथा किसी ने इसे किम: प्रश्नह, ashnah-फा० दरख्त पूजह । Moss, दाना का पेड़ लिखा है। किसी किसी के मतानु- common ( Lycopodium clavat..सार इसका हिन्दी.नाम बङ्कम है और बंगाल में | um,). हे० गा० । बहुत पैदा होता है । फलतः यह अनिश्चित प्रश्नान ashnana-अ० स्वर्जिजसार । देखोवनस्पति की जड़ है जो अफरीका और आर्मीनिया ___ उश्नान । ( Ushnana. )।-हिं० पु.
में अधिकता के साथ उत्पन्न होती है तथा आज स्नान, नहाना । ( Bathing.) ... कल अप्रयुज्य है। देखोनमाज़रियून (MAZE अश्फरान ashfaraina-अ० स्त्री की योनि के ariyúna. )
दोनों किनारे . . . . . . अश्ज: ash jaa-अ० (५० व०), अशाजित अश्फा ashfa -० जिसके दोनों प्रोष्ठ परस्पर न .: (ब० व०) (१) व्यवच्छेद शास्त्रकी परिभाषा में | मिलने हो ।
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