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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org विक्रांत अविक्रांत avikránta हिं० वि० [सं० ] दुर्बल, कमज़ोर ७५२ अविक्रिय avikriya-हिं० वि० पुं० [सं०] [ खो० अविक्रिया ] जिसमें विकार न हो । जिसमें बिगाड़ न हो। जो बिगड़ा न हो । श्रविगडे avigadda-कन. ० श्ररुई, आलुको । ( Arum colocasia ) ई० मे० मे० । श्रविगन्धrt avigandhani अविगन्धिका avigandhika - सं० अविगन्धी avigandhi वि कारक, दीपन, कटुक ( चरपरा ), उष्ण, लेखन, लघु तथा तिकारक हैं और रक्रदोषकारक तथा कफ बात विनाशक है । द्रव्य० गु० । अविनत् avitat - हिं० वि० [सं०] विरुद्ध | श्रविजन avijana - हिं० संज्ञा पुं० [सं० अभिजन ] कुल । वंश | श्रतिक्रम avitakram-सं० क्ली • मेची तक्र, भेदका तक। ( Buttermilk, with a fourth part water prepared fro .msheep's milk ) गुण-भेद का तक, अभ्य अम्ल, दुर्गन्ध 2 स्त्री० ( १ ) अजगन्धा, बन यमानी, (२) तिलोड़ी खरी । बजुई तुलसी (Ocimum grati ssimum) रा०नि० ० ४ | अविग्नः,-प्रः avignaghah- सं० पुं० (१) पानीया मलक जल अँत्रश ! ( F'laco- ] श्रवित्यज urtia cataphracta ) सा० सु०. (२) करमई वृक्ष, करौदा ( Capparis corundas.) । करमूचा गाछ - बं० 1 कर वंद मह० । श्रम० अविग्रह avigrah- हिं० वि० [सं०] जिसके शरीर न हो। निरवयव, निराकार | अवित्रात avigháta - ६० संज्ञा पुं० [सं०] विघात का प्रभाव | I अविचल avichala-f६० वि० [सं०] विचलित न हो । अञ्चल स्थिर । अटल अविच्छिन्न avichchhinna - हिं० वि० [सं०] अमिन, संलग्न, भेद रहित, यक, अविरल | (२) श्रविच्छेद, अटूट, लगातार ! अविच्छेद avichhheda - हिं० वि० [सं०] जिसका विच्छेद न हो। श्रटूट । लगातार | विच्छेद रहित । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उलटा । श्रवितत्करण avitatkaran - हिं० संज्ञा पुं० [सं० ] विरुद्धाचरण । श्रविता avita-सं० स्त्री० मेवी, भेड़ी । ( An ewe.) श्रवितैश avitaish - श्र० २ तो० ३ मा० ६ रत्ती, किसी किसी के मत से १ मा० १ रत्ती का माप विशेष | श्रवित्यजः avityajah - स ० पु० avityaja - हि० संज्ञा पारा | पुं० पारद, Mercury ( Hydrargyrum.) शब्द० कल्प० । रा० नियं व० १३ । राजनिघण्टु में भी " अचिन्त्य न " ऐसा फोउ श्राया है। श्रविधोली avitholi-मल० काला नागकेशर । (Kálá Nágkesara. ) फा० इं० ३ भा० । श्रविदग्ब: avilagihah-०० afa avidagdha-ff. } (१) अम्ल, खट्टा नहीं । विजयर० श्रजीर्णत्रि० । ( २ ) जो जला या पका न हो । कच्चा । For Private and Personal Use Only श्रविदग्धम् avidagdham श्रविदुग्धम् avidugdham}-स० क्लॉ० मेषी दुग्ध, भेड़ का दूध ! ( Sheep's milk. ) हला० | देखो - आधिक क्षीरम् | अविदु (दु ) ध्यम् avidu, dü-shyam सं० क्ली० मेषी दुग्ध, भेड़ का दूध । ( Sheep's milk) हला० । श्रविद्धकर्णा aviddha-karná स ० स्त्री० (१) पाठा ( Cissampelos hernandifolia) श्रनादि बं० पटी सा०
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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