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श्रवभेदक
चार बार उबकाईयाँ श्राती हो तो बर्फ घुसाएँ 'अथवा सोडावाटर में बर्फ डालकर घूँट घूँट पिलाएँ आमाशय द्वारपर १५-२० मिनट तक राई - का प्लास्टर लगाएँ । मलावरोध होने की दशा में व्ल्यूप्रिल २ प्रेन खिलाकर उसके घंटे पश्चात् सोडियाई सल्फास पर मैग्नेशियाई सल्फास 8 से ६ ड्राम ४ आउंस ( २ ० ) पानी में मिलो ★ कर पिलाएँ। शिशेशूल निवारणार्थ निम्न योगों में से किसी एक का व्यवहार करें | ये सब - अत्यन्त लाभप्रद और परीक्षित हैं ।
केफीन साइट्रास फेनासिटीन
१० ग्रेन
१० प्रेन
सोडियम सैलिसिलेट
केकीनी साइट्रेट
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यह एक मात्रा है । ऐसी एक are wes प्रातः काल अथवा किसी भी समय वेदना काल - में जला दुग्ध के साथ सेवन करें।
( २ ) ऐटीपायरीन
५ प्रेन
५ प्रेम
१ ग्रेन
( ३ ) व्युटल क्रोरल हाइड्रेट टिंक्चुरा जलसीमियाई टिंक्चूरा कैनबिस इण्डिकी ग्लीसरीन
३० मिनिम
सीरुपस श्रीशियाइ एक्लोरोफॉर्मा (ऐड) 1⁄2 आउंस ऐसी एक-एक मात्रा औषध १५-१५ मिनट पश्चात् तीन-चार बार दें | वेदना श्रारम्भ होते "ही इसका प्रयोग करने से प्रायः व्यथा रुक | जाती है ।
* ग्रेन म मिनिस
५ मिनिम
१ डाम
१ भाउंस
एक्वा ( एंड ) ऐसी १-१ मात्रा श्रीषध श्राध श्राघ घंटे पश्चात् दो-तीन बार दें । इस प्रकार के शिरो-शूल में यह औषध अत्यन्त लाभप्रद है ।
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( ४ ) ऐस्टिपायरीन पोटासियाई ब्रोमाइडाई
६० प्रेन २४० ग्रेन स्पिरिटस झोरोफॉर्माई २ ड्राम एक्वा कैम्फोरी (ऐड ) ८ श्राउंस इसमें से आध आउंस ( ४ दाम ) औषध वेदना आरम्भ होते ही दें। श्रावश्यकता होने
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अद्ययमेव
पर बाघ घंटे पश्चात् १-२ मात्रा और दें । वेगान्तर काल में कुछ दिन तक २ ड्राम की मात्रा में प्रातः सायं इसका सेवन किया करे । प्रत्येक भाँति के शिशूल में बाभदायक है ।
( * ) ऐस्पिरीम
२ ग्रेन
फेनासिटीम दोवर्स पाउडर
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ऐसी एक-एक पुड़िया एक-एक घंटे पश्चात् तीन - चार पुड़िया तक दें ।
के लिए अत्यन्त लाभ
( ६ ) दायक है |
लोरल हाइड्रेट पोटासियम् श्रोमाइड
लाहकार ट्राइ नाइट्रीन एका कोरोफॉर्म (ऐड) ऐसी एक-एक मात्रा तक दें । .
ऐस्पिरीन
कीनीन सल्फेट
फेनासिटीन
कैफीन
३ न ३ प्रेन
१० ग्रेन
१५ मेन
१ मिनिम
(७) हर प्रकार के शिरःशूल के लिए
गुणदायक है।
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१ आउंस
दिन में तीन बार
५
५ प्रेन
३ ग्रेन
३ ग्रेन
२ ग्रेन
ऐसी एक-एक पुढ़िया २-२ घंटे के अन्तर से ३ पुड़िया तक दें ।
(८) यह श्रदुर्भावभेदक के वेग रोकने के लिए श्रत्युपयोगी है। दो तीन मास इसका निरन्तर उपयोग करना चाहिए |
सोडियम ब्रोमाइड टिंक्चर जेलसीमियाई तिकार ट्राइ नाइट्रोनी arter स्ट्रिक ५ मिनिम एक्का मेन्धी पेप (पेट) १ घाउंस ऐसी एक-एक मात्रा दिन में २-३ बार दें । नोट- प्रत्येक सप्ताह में एक दिन का नागा " देना चाहिए । इस प्रकार के होले शिरो बेदना में दोनों स्कंधो के बीच में और कानों के पीछे और मीचे खुश्क गिलास लगाने से तथा गुद्दी पर
१० प्रेन
१० मिनिम १ मिनिम