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अर्थवागवतः
अधौंग वातारि रसः अद्ध पारावर: ht.pivavatah-सं० अर्धवोरच्छा arddha-virachchha-सं0 ..पु. (१) बन कुक्कुट ( Vild cock.) स्त्री कृष्ण दूर्वा । । (२) चित्रएट पारावत । (३). तित्तिरपक्षी, ! अर्धवृत्तम् arddha Titta.v-सं० क्लो०) * तीतर । A partridge ( Pertix frt- अर्धवृत्त addha.ritta-हिं. संज्ञा पु. mcolints.) अत्रि० ।
(Senicircle. ) अद्धगोल | वृत्त का अधपुष्पा uddha-ptis hpā-सं० स्त्रो! प्राधा भाग । वृत्त का वह भाग जो व्यास और - महाबला। (Sec - Mahabali) वै० परिधि के आधे भाग से घिरा हो। .. निघ।
(२)पूरे वृत्त की परिधि का आधा भाग। अर्धपोहल nuddha-pohalu- संज्ञा | अर्ध वृत्तपणालो arddhu-vritta-pran
पु० (देश) एक पौदा जिसकी पत्तियाँ मोटो | aii-सं• स्त्री० (Simicircular duहोती हैं।
ct.) अर्धगोलाकार प्रणाली । श्रद्धासादनः arddha-prasada.nah-सं० | अर्धश (स ) फरः arddha-sha- (sa) पु. सहदेवी, सहदेई ।
pbarall-सं० प. दण्डपाल नामक तुद्र अर्धमाग arddha-bhaga-हि.प. प्राधा। मत्स्य विशेष। दौडिका वा डानकोण-माल (A half) . .
-बं०। अर्धभोजनम् arddha-bhojanaan--सं० अर्द्ध शरावा,-क: addha.sharavab:क्लीअर्थशन, आधा पेट खाना ।
० दो प्रसूति, प्रसूतिद्वय ( ३२ अर्धमात्रा arddha-mātra हिं० संत्रा०स्त्री० |
· तो०)। प० प्र० १ ख० । भा० । [सं०] प्राधी .माम्रा ।
| अर्धसहः arddha-sahah-सं० ए० पेचक, प्रदर्धमात्रिक.artithin matrikah-सं०५०
उलूक पक्षी । प्याँचा-बं०। घुबड़-मह । 5. एक प्रकार की निरूहण वस्ति विनोष। ..
(An owl.) विधि तथा योग- दशमूल के क्वाथ में अद्ध स्वच्छ arddha-svachchha-हिं०वि०
अस्फुट दर्शक,वे पदार्थ जिनमें से प्रकाश अच्छी तरह २ तो. सौंफ पीसकर उसमें ती० सेंधानमक, .
, न जा सके, जैसे-तेल, पतला कागज, धुंधला मधु २ पल, तैल २ पल और एक मदनफल का "चूर्ण योजित करें इसको अद्ध मानिक वस्ति कहते
काँच इत्यादि । (Translucent, semi
transparent.) है । निरूह वतू इसका प्रयोग करें । च० द० ।
अर्धाग arddhanga-हि. संज्ञा पु[सं०] अर्धमासूरी arddha-masturi-सं० स्त्रो.
(१) प्राधा अंग ( Half the body.) : लेखनार्थ अस्त्रधारा विशेष । सु. सू० ८ अ०।
(२) एक रोग जिसमें प्राधा अंग चेष्टाहीन अर्ध. रन्ध्रम् arddina-andhi am सं०
और बेकाम हो जाता है। फालिज, पक्षाघात । * की० ( Notch.) भंग ।
पक्ष बध | एकांगवात । अद्धांगवात । ( Hemiभर्धरात्रः arddha-ratrah-सं० पु० रात्रि plegia.) देखो--पक्षवध (बात) बा ..काअर्धभाग; श्राधीरात, महानिशा । मिडनाइट ! . एकाङ्गवात। .. (Midnight..)-इं०।,
अर्धाङ्ग वातारि रस: arddhavga-vatāriअ वश्या aiddhawanshya-सं० . .स्त्री० xasah -सं० पु. पारा २० तो०, शुद्ध (Semispinalis.)। ... .
.. ताम्र चूर्ण ४ तो० लेकर जम्बीर के रस में घोटें, अर्धवलयम् arddha valayam-सं० पु. और उसमें गन्धक २० तो० पान के रस में घोट ( Arch :)
कर मिलाएँ फिर सम्पुट में बन्द कर भूधरयन्त्र
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