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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्रीगोस www.kobatirth.org १ से ४ ग्राम ६४८ मात्रा -- १५ से ६० प्रेन ( प्रायः चूर्ण रूप में प्रयुक्र होता है । ऑफिशल योग (Officinal preparations. ) (१) एक्सट्रैक्ट अर्गोटी ( Extractum Ergote ) - ले० । एक्सट्रैक्ट ऑफ़ अर्गट ( Extract of Ergot. ) I टीन, अर्गट रसक्रिया, वर्गट सत्व वा सार - हिं० 1 ख़ ुलास हे शैलम्, शैल्मीन - अ० | रुन् गन्दुम दीवानह - फा० नोट -- गोंदीन ( Ergotin ) ब्रिटिश फार्माकोपिया ( B. P . ) में सॉफ्ट एक्सट्रैक्ट ऑफ द का ऑफिशल पर्याय था । पर इस नाम से भ्रम उत्पन्न होने की आशंका है, श्रस्तु इस नाम का परित्याग कर देना ही उत्तम हैं T निर्माणा-विधि - अर्गट का ४० नं० का चूर्ण २० श्राउंस, ऐलकोहाल ( ६० % ) और परिस्रुत वारि श्रावश्यकतानुसार, डायल्युटेड हाइड्रोक्रोरिक एसिड ( जल मिश्रित उज्जहरिकाम्ल ) ल ुइड ड्राम और सोडियम कार्बोनेट १७१ झेन । अट के चूर्ण को १० ल ुइड आउंस ऐलकोहाल से क्रेंदित कर पकलेटर ( चरणा यन्त्र ) में स्थापित करें और पर्याप्त ऐलकोहल डालकर इतना सरण करें कि वह एक्ज़ास्ट होजाए (ख़तम होजाए ) पुनः प्राप्त द्रत्र को जलकुण्ड ( वाटर बाथ ) पर इतना उड़ाएँ वा शुष्क करें कि उसका द्रव्यमान ५ झुइड श्राउंस शेष रह | फिर उसमें लूइड श्राउंस परिस्रुत वारि मिलाएँ और शीतल होने पर पोतन कर उसमें जलमिश्रित उज्जहरिकाम्ल सम्मिलित करदें । २४ घंडे पश्चात् पुनः उक्त द्रव का पोतन करें और जो मल अवशेष रह जाए उसको जल से इतना धोएँ कि उसकी अम्लता सर्वधा दूर हो जाए। फिर अवशिष्टांश को धोने से शेष रहे हुए द्रव को पूर्व प्राप्त द्रव में मिलाकर और सोडियम कार्बोनेट को उसमें विलीन करके उसे जल कुण्ड ( वाटर बाथ ) पर वाष्पीभूत कर मृदु रसक्रिया रूप में शुष्क करलें । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गटा मात्रा - २ से प्रेम ( १३ से ५२ ग्राम वा १२ से ५० शतांश ग्राम ) । (२) एक्स्ट्रैक्ट अगडी लिक्विडम् Extractum Ergote Liquidum --ले० । लिक्विड एक्स्ट्रैक्ट ग्रॉफ अर्गट Liquid Extract of Ergot-- ३० । अर्गट तरल सब, अर्गट द्रव रसक्रिया - हिंο| खुलास शैलम सय्याल - अ० । रुब्बे गन्दुम दीवानह सय्याल फा० ! निर्माण विधि - कुट्टित अर्गट २० आउंस, परित्रत वारि ७॥ पाइंट, ऐलकोहल ( ६०% ) ७|| फ्ल ुइड आउंस । अर्गट को ५ पाइंट परिस्त वारि में १२ घंटे तक भिगोकर निःस्रावित करलें और अवशेष को अवशिष्ट परिस्रुत वारि में उतने काल तक भिगोकर पोतन करें। पुनः प्रत्येक प्राप्त द्रव को परस्पर योजित कर इतने उत्ताप पर वाष्पीभूत करें जिसमें तरल का द्रव्यमान ४ फ्ल ुइड आउंस शेष रह जाए फिर उसमें सुरा सम्मिलितकर 1 घंटा पश्चात् पोतन करलें । प्रस्तुत रसक्रिया का परिमाण पूरा २० ल ुइड श्राउंस होना चाहिए । मात्रा -- १० से ३० मिनिम ( ६ से १८ घन शतांश मीटर वा ६ से १८ डेसिमिलिग्राम ) जल में । ( ३ ) इन्फ्युज़म गेंदी Infusum Ergote.० । इन्फ्युजन श्रॉफ अर्गट Infusion of Ergot - इ० श्रट फांट --हिं० । ख्रिसाद शैलम श्र० । ख्रिसाद हे गन्दुम दीवानह फा० । निर्माण विधि- सद्यः कुट्टित श्रट १ भाग, खौलता हुआ परिस्रुत जल २० भाग १ द पात्र में १५ मिनट तक अर्गट को जल में प्रक्रेदित कर पोतन करले । मात्रा-१ से २ ल ुइड आउंस ( २८४ से १६८ घन शतांश मीटर वा ३० से ६० मिलिग्राम ). इओक्शियां अटो हाईपोडर्मिका Injectio ergota hypodermica -ले० | Hypodermic injection of For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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