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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अकेशिया सॉफ्ट अफेशिया सॉफ्ट cacia soft-10 लाकी । | अकोड: akoda.h-सं० । अखरोट (Juglans ई. हैं. गा। ___yogia.)। अकेशियासेनेगल acacia sangal, hind. : अकोडगन्धः akoragandhah- सं० हींग --ले०, खोर-सिंध। कुता-राजपु० । हिंगुः समठम् (assafoetida)। उत्पत्तिस्थान--यह एक कंटकमय छोटा वृत है। अकोढ़ई akorhai-हि. संज्ञा स्त्री० [सं० अकर] जो सिंध और अजमेर में उत्पन्न होता है। सरल, मुलायम वह भूमि जो सींचने से बहुत नोट-यह अफरीका के सेनेगल फ्रात में जल्द भरजाए। वह भूमि जिसमें पानी ठहरा होने बाला 'बबुर' ही है। रहता हो। प्रयोगांश-निर्यास। अकोंद akondla-हिं० मदार पाक (Calotr - अकेशिया सण्डा acacia sundra D.C. ___opisgigantea, R. Br.) मदार सं० - ले. नला संडा-ते । इसका गोंद काम में प्राता फॉ०. है। मेमो०। अकोरकपरायः akotaka.parayith-सं० अकेशियाप्टेनोकापस cacian stonoca-i rpus-ले० बर भेद। इसके पत्र द्वारा एक । पु० (chorion Leave)। अकोरा akora-यु. चौदी रजत (Silver) नया स्पर्शाजता जनक क्षारीय सत्व प्राप्त होता है,। जिसको स्टेनो कान (Stonocarpine) (Argentum)-ले। अकोरिया akoriya-उ०प०सू०, भलियून । कहते हैं। इसके दो प्रतिशत के घोल में से दो बूद नेत्रों में टपकाने से यह उन भाग को अकोरीटीन acoretine-५० बचीन बचसत्व पूर्णतः अनसन कर देता है। इसका उपयोग कोलीन (choline )-10। यह मधु सरश करने से ५ मिनट पश्चात् विना कष्ट अनुभव ! तरल ग्ल्युकोसाइड (Glucoside) है जो किए नेत्र कनीनिका में सूची चुभाई जा सकती अस्थन्त तिक और सुगन्धित होता है तथा मद्यतथा उसे खुरचा एवं बल दिया जा सकता है। सार (alcohol), क्लोरोफॉर्म और ईघर में १० से १५ मिनट अनन्तर कनीनिका विस्तार घुल जाता है, और शर्करा तथा उड़नशील तेल उपस्थित होता है, और करीब करीब अत्तीस धण्टे रूप में पृथक हो जाता है। मे० मे।। तक स्थिर रहता है। इससे नेत्रपिण्ड का तनाव | अकोरीन acorina-इं. यह एक उदनशील तेल है कम होता है । अस्तु, हरिन मोतियाविन्द में लाभ | ___ जो बच में वर्तमान होता है। देखो-वच । ई० दायक होता है। इसी भांति स्वचा के किसी भाग मे० मे०। को स्थानिक रूप से अबसन्न किया जा सकता | अकोल akola-६०, हिं० काला अकोला, डेरा है। पी० बी० एम०। भेद (alangium hexapetalum, अकेशिया स्पेसीश्रोज़ा acacia speciosa, Lan.) स० फॉ०ई० । देखो-अंकोल। alld.--ले. सिरस का पेड़-हिशिरीषः अकोला akola-हिं० संवा पु० (सं० अंकोल) -सं०। शिरिस का झाड़-द०। (albizzia देराका पेड़-हिं० । अंकोल, देरा (alangium Hobb.ck ) 10 मे० मे। Deca petalum, iem.)-सफा०५०। अकोटः akorah सं० पु.--सुपारी-गुवाकः, पूग अकोविद akovida-हिं० संज्ञा पु०(सं. प्रन) (गी )-सं०। (areca catechu)। ऊख के सिर पर की पत्ती, अगोला, अगौला, अकोटा akota--कना० कोसम | गौसम्--५० गैड़ा । हिं० । ( Schleichera. Trijuga, ! अकौआ akoua-हिं० (१)संशा पु०(संप्र) Find.) ले। मे०लांग। मदार, आक (Calotropis gigantea, For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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