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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हराएसीई पुना, राल, सर्जरस-हिं० । धुना-०। राल . मद्य, चावल की शराब या दारू । ( Liquor मह। ( Resin)। (२) शाल वृध o f rice ) स. फाई। (.A sultree ) । (३) मत्तहस्ति ( An | अरिजन arijana-हि. संज्ञा पु. एक निस्क्रिय intoxicated elephant)। मे। .. वायव्य विशेष । मारगन ( Argon )-०। वि० कुटिल । टेदा । अरिख arinja-हिं संज्ञा० . [ देश. ] अशलिपसाई aaliacece-mo, प्रमारी ! (Acacia leucopblica, Willd.) एक प्रकार का बबूल । यह पंजाब, राजपूतामे, मध्य और इनिया भारत तथा बरमा में पाया जाता है। अरावह ararah-१० मादा दिली । (AE __female locust.) इसका छिलका रेशेदार होता है और इससे मछली अराह arah-मस्तगी, मस्तकी। (Masti. / पकड़ने का जाल बनाया जाता है। इससे एक che) प्रकार की गोंद भी निकलती है जो पानी में घोली जाने पर पीला रंग पैदा करती है। यह भरिः arih-सं० स्त्रो० अरि नामक खदिर, खदिर . अमृतसरी गोंद कहलाती है। इसे बबूल की गोद विशेष, करया । खरि विशेष--ब० पारि के साथ मिलाकर भी बेचते है । पेड़ की छाल मह । शींगुरि-. । ( Catechu. ) को पीसकर गरीब लोग अकाल में बाजरे के पर्याय-सन्दानिका, दाली, खदिरपत्रिका | गुण-- आटे के साथ खाने के लिए मिलाते हैं। इसमें कला, कटुक, तिक और रक्तपित्तनाशक है। एक प्रकार का नशा भी होता है और यह मच रा०नि० व० । देखो-खदिर । में भी मिलाई जाती है । इसीलिए प्रारंज को परि ari-हिं० संत्रा पु० [सं०] (A) रिपु, शराब का कीकर कहते हैं। सफेद धूल । शत्रु ( An. enemy. )। ( २ ) विट् | अरिङ्ग । श्वेत बबूर वृत। सविर दुर्गन्ध खैर । भरिमे । (Acacia | प्ररितमञ्जरी avita-manjelj-सं० स्त्री० Farnesiana, wild.)(३) चक्र । कुण्डली,हरितमबरी । ( Clerodendron -मल.(.). चावजु । Rice-seeds Inerime.) or grains without husk (Coryza afcarca aritáran-ato, oferarea sativa, Lion.)स० फा०१०। परिदला aridala-कनाo Oipiment रिमालुareluof rheede-पीपना, अश्वस्थ । | अरि-ताल arintāla-सं० ) ( Iri( Fious religiosa. )) sto to ____sulphuret of Arsenie.) भा.। . अरिपरिमः aripurimah-सं०० विटादिर, अरि-इकन ari-ikan.मल. मछली का सरेस, रिमेदः, दुर्गन्धि खैर, गूहकीकर । गुये बाबला -बिरेने मारी | Iethyocolla ( Ising. ब. । गंधी हिंवर-मह० । (Acacia • 'glass) Farnesiana.) वै० निघ। अरिक arik- बल का ठीक होना, परित मरि aripra- दुःख रहित । निष्पाप । होना । इन्दिमाल और सकर कुश के भेद के लिए मथ । सू०५।१४। का. १०। मारिमः arimah-सं० पु. विटसादिर, अस्मेिदः, भरिङ्ग aringa--राजपु० रबेत बर वृक्ष, सफेद गूहकीकर । ( Acacia Farnesiana. ) कीकर । ( Acacia leucophlea, ___ रमा व मुखरोपि० । Willd.) अरिमत्स्य arimatsya-हिन् मत्स्य विशेष। रिचारायम् .aricharayam- मल. चावल ( Arlus arius, Ham. & Buch.) For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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