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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रमाउलबर्ज प्रम्बका भेद होते हैं। प्रस्तु, ये संख्या में कुल छः हुई। अम्न amna--अ० चैन, श्राराम, शांति, सुरदेखो-अम्बाऽदिकाक व गिलाज । क्षितता, निडर होना ( Peace)। अम्बाउलअजं anaaul-arza-अ० खरातीन, अनाsumnail-अ० (ब० व०) मनाऽ (ए. केचुए। (Earthworm.) घ०) माप विशेष। लगभग पका १ सेर का श्रम् श्राऽउलया amaaa.aulya-अ० अम्मा वज़न । दिकाक। अमान amnau-१० (ब०व०), मन्न (२० अम्माऽगिलाज़ anaaa.ghilariu-अ० अमाs : व०)एक माप विशेष । लगभग २ पौंड अर्थात सुक्ला । मोटी वा बड़ी आँते, जेरी आँते-उ०। एक सेर का वजन। बृहदांत्र, स्थूलांत्र-हिं० । ( Large intes- अनियत् amniyyat-अ० tines.) इअफ़ाs iafaa- " अर्थ स्वास्थ्य अम्श्राऽदिकाक amaia-dicina-. छोटी एवं सुरक्षितता प्राप्त करना, रोगनाशकता, रोग आँते ,ऊपर की आँते-उ० । लघु प्रांत्र, सूक्ष्मांत्र, क्षमता (Immunity.)। उदात्र-हि० | (Small intestines.) श्रम्पफर ampfer-जर० चाङ्गेरी, चुका । अम्श्राऽसीन amaan-sina-० गोरहे (अपक) (Rumex Seutatus ) इं. मे० मे । अंगूर का पानी। अम्पार ampar-बाकला, बेलहर । अम्को amki-नेपा० सफ्यी-लेपचा । (Pyru. अम्पिलोप्सिस किन कि फोलिया ampelolaria edulis ). psis quin-quefolia-ले० अमेरिकन श्रम कुल ऐन amqul aain-अ० माक्र अक्सर ।। प्राइवी- इंवाइटिस किनक्कि फोलिया (Vitis आँख का बड़ा कोया जो नासिका की ओर स्थित quinquefolia.)-ले। है। इनर कैन्थस ( Inner can thus)-ई। अम्पुट्टई amputrai-ता० अम्बाड़ा, श्रमदा, अम्खत amkhat-अ० वह व्यकि जिसकी नासिका : अाम्रातक । (Spondias Mangifera) सदा बहती रहे। नासा(परि)स्राव रोगी । ई० मे० मे। अम्गर amghar-श्व० रक रोमों वाला। अम्पेलोसिक्योस स्कैण्डेन्स ampelosicyos अम्ज़र amzur-अ० नर, पुरुष, मनुष्य, प्रादमी, scandens, (Thou. Bot. Mag. 268-1, मर्द । मैन (Man)-ई.।। 275-1,-2.)-ले- इसका बीज कृमिहर है। बीज अम्जह amzah- अ० (१) चलते समय जिस । चिपटा, करीब करीम गोलाकार लगभग १॥ इंच के दोनों पैर परस्पर मिलें । (२) गन्दह, दुहन, मोटा, बाझाच्छादन कोमल टोकरी की रचना से मुख दुर्गन्धि | जिसके मुख से दुर्गन्धि अाती हो ।। समानता रखता है और बहुत कठोर एवं मजबूत अम्ज़िजह. am zijah-० मिज़ाज (प्रकृति) होता है। गिरी में मृदुतैल की कुछ मात्रा पाई का बहुवचन है। जाती है । समन फल २-३ इंच लम्बा और अम्तश am tash-अ० निर्बलदृष्टि वाला मनुष्य, । ८-१० इंच मोटा होता है। इसपर लम्बाई की कमजोर नज़र का श्रादमी। रूख गहरी धारियों पड़ी रहती हैं । इसका भीतरी अम्तीपराड़ anti-pandu-ले० कॅला, कदली। (Musa paradisiaca, Linn.) भाग ३ से ६ कोपों में विभाजित होता है। इसमें अम्दश amdash-अ. निर्बल तथा अल्प बुद्धि । प्रायः २५० बीज होते हैं। वाला मनुष्य । दुर्बल तथा कम अनल चाला मर्द ! अम्फी amphi-नेपा० सफ्यी-लेपचा । अम्देस जामाटाफाना amdes samotapana : अम्य am ba-हिं० पु.॥ श्राम,अाभ्र ।(A ma. -गोश्रा० बजर अछु, जंगली मदनमस्त-हिं०। अम्बह, ambah-फ़ा० ) (Cycas circinalis) ई० मे० मे. go, a mango tree). अम्धुका amdhuka-t० देखो-अन्धुक।। अम्बक: ainbakah-सं० पु० (१) य(व)कुल For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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