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अयुनामुन
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अरस्मा
निन, बिन तान नाम था | यह खुरासान के | अबुमालिक abunalilk--अ० गृद्ध, गिद्ध । फाराब प्रदेश के रहने वाले थे। प्रारम्भ में यह Eagle, i vulture. ) दमिश्क के एक बगीचे में माली का काम | अवमिस्तार bu-mistār-- मन, सुरा । करने थे । पर स्वभावत: इनके हृदय में विद्या
(Wine ). से प्रम था। श्रतएव रात्रि में चौकीदारों के अवमकाविल abu-muqabil-अ० गाजर । लालटेन की प्रकाश में ये पुस्तकों का अध्ययन
(A carrot.) किया करते थे। ये अपने समय के अखंड दार्शनिक और संगीत के प्रमुख विद्वान थे। पापने
nayet a biz-yuḥ-- ( , ) forza (A
Viiltime.)। (२ ) अज दहा, अजगर | १३ पुस्तकें लिखी हैं।
( Boa Constrictor) अधुनापून abu-nāmān-यु० क फल यहाद |
अचूरस्मा aburasma--अ० एन्युरिस्मा Anel(A kind of stone.) See-qa
risma-इं । इनोरस्मा. इनोरज्मा. उमदम । frul yahuda.
शाब्दिक अर्थ रक्क त्रुति अर्थात् रक्त का बढ़ना है। अवुनास abu-las-अ० पोस्ता । ( Papaves |
परन्तु, प्राचीन तिब्धी परिभाषा के अनुसार एक Somniferum, lori.)
प्रकार का रोग जिसमें प्राघात वा क्षत प्रभति के अबुबकर इब्नवाजह abu-bakar-ibna-bijah |
कारण त्वचा के नीचे किसी स्थल की धमनी फट -१० इब्नबाजह, I See-Ibns-bajah. जाती है जिससे धमनीसे रक्त एवं वायु निकल कर अबकर जकरिया गज़ो abt-ba kar-zak- स्वचा के नीचे एकत्रित हो जाते हैं और वहाँ एक
riya-Tazi-० ज़क्रिया राजी । See- उभार बन जाता है। Zakriyá rází.
उक्र उभार का यह विशेष गुण है कि यह अबुबरा abu-bari-4. समूल (र)। एक , दबाने से दबा रहता है अर्थात् जब उसको दबाया
पक्षी है। (A bird called samula.)! जाता है तब स्वगधरीय एकत्रित वायु और रक अबुधस्किया abu-iyalgiyi-यु. सा_गिक या | पुनः धमनियों में लौट जाते हैं। तथा दबाव हटाने
व्यापक पक्षाघात । वह पक्षाघात जो मुखमंडल से वे पुनः उक्र स्थान में एकत्रित हो जाते हैं । के सिवाय सम्पूर्ण शरीर में हो । पक्षाघात, । अन्ताको के वचनानुसार उक्र उभार का घातग्रस्तता । जेनरल पैरेलिसिस (General प्रादुर्भाव कभी तो शिरा के फटने से और कभी Paralysis. )-OT
धमनीके फटनेसे होता है। अतः शिराजन्य उभार अबमन्सूर abu-mansur अ० अबुमन्सूर मुब।
में उसका रंग श्यामाभायु (स्याही मायल) और कि बिन अली हरवी (abu mansur धामनिक में रकाभायुक्र होता है। और इसके muwaffik bin Haravi.)। इनकी साथ ही उक स्थल पर शिरास्थित स्पंदन का बोध पुस्तक इल्मुल अद्वियह अपने समय की अत्यंत होता है। प्रस्तु, शिरा प्रसार काल में यह उभार विश्वसनीय एवं लाभदायर्या कृति हैं जिसमें बहुत बढ़ जाता है और शिरा संकोच काल में यह घट सी भारतीय प्रौषधों का भी वर्णन मौजूद जाता है। है। इसमें लगभग ५०० औषधों का वर्णन ___ डॉक्टरी नोट-एन्युरिस्मा जिसको इनोविद्यमान है
रज़्मा भी कहते हैं, वस्तुतः युनानी भाषा का अबमर्दान abu-mardan--ऋ० इब्न जुह र । शब्द है जिसका अर्थ धामनिक अर्बुद (रसौली) Sov--Ibn zuhr.
है। जिन लोगों ने इसको अबूरस्मा लिखा है अबुमल्यून abumalyān--य० सफ़ेदा, सुपेदह ।। वास्तव में उनको उक शब्द में सन्देह उपस्थित
White Lead (Plumbi carbonus)| हुआ है। प्राधुनिक चिकित्सक (डॉक्टर ) इस
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