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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्रीफ, आल तबहुथ्यह ४१६ हैं। अस्तु, मनुष्य शरीर में जितनी प्रकार की शक्तियों हैं उतनी ही प्रकार की क्रियाएं हैं। फल ब्य्यह, afalata baiyyaho ( १ ) प्राकृतिक शक्ति सबन्धी क्रियाएँ । ( २ ) शरीर के सम्पूर्ण प्राकृतिक कार्य, जैसे- श्राहार, पान, सोना, जागना, उठना बैठना, चलना, फिरना, देखना, सुनना, सोचना, समझना, इत्यादि । अफझल दिमागियह, afaala-dimághiyah - अ० मास्तिष्क क्रियाएँ, दिमाग़ी काम, जैसेविवेक, विचार इत्यादि । अफझल नफ्लानिथ्यह् afaal-nafsaniyy• ah - अ० मानसिक क्रियाएं, वे क्रियाएँ जो मानसिक शक्तियों द्वारा प्रगट होती है । अस्तु, पञ्च ज्ञानेन्द्रियों की क्रियाएं, यथा— देखना, सुनना, स्वाद लेना, स्वयं करना और सूंघना आदि और अन्तःकरण चतुष्टय की कियाएँ (वास खम्सह् वानी के अक़बाल ), जैसे-सोचना, स्मरण रखना और विचार करना आदि | अतीत aftiāús इसी के आधीन हैं । अफ्ती aftigun अफ़ञ्जाल बसांतह् afāál-basitah अ० | श्रक्तीऊस aqtiaúus श्रञ्जाल मुफ़दिह्, श्रमिश्रित क्रियाएँ, सामान्य क्रियाएँ | अयाल मुरिदह् afaal-mnfridah-o साधारण क्रियाएँ जो केवल एक ही शनि द्वारा प्रगट हों, जैसे-चातुपी, जी दृष्टि शक्ति द्वारा प्रगट होती हैं और श्रावण क्रियाएँ जो श्रवण शक्ति द्वारा उद्भूत होती हैं । अफूञ्जाल मुरकवह् afaál-murakkabah - अ० संयुक क्रियाएँ जो दो अथवा अधिक शक्तियों द्वारा उद्भुत हों, जैसे--प्रास गिलन, जो कंड को गिज़न शक्ति तथा आमाशय को श्राकfe शकि द्वारा सम्पादित होती हैं । अफझल, हैवानिय्यह् afãäl-haivániyyah - अ० प्राणशक्ति सम्बन्धी क्रियाएँ जो प्राणशक द्वारा प्रगट हों, जैसे- हार्दिक एवं धामनिक गति प्रभृति । अफ्ञ्जलुल् श्रद्वियह् afāálul-adviyah अपतीमून - अ० (१) श्रौषध-कार्य-विज्ञान, द्रव्य-गुण-शास्त्र ( २ ) प्रभाव, गुणधर्म | फॉर्माकोलॉजी ( Pha rmacology)-इं० । 1 श्रकुमा afāümá- अ० चतुचत । श्रख का. एक प्रकार का भयानक क्षत । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अङ्क afq-अ० खत्नह् करना ( मुसलमानों के यहाँ यह एक धार्मिक रसम है जिसमें बच्चे की शिश्ना त्वचा काटी जाती है ) । सर्कमसिजन ( Circumcision ) - ई० । अकल afkal अ० झुण्ड, समाज । तिम्र की परिभाषा में 'कम्पन, कैंप कँपी" को कहते हैं । राइगर ( Rigor ) - इं० । अफ़्कानह् afkánah - o पूर्ण शिशु (भूय ) . जो माता की उदर से गिर पड़े। अफ़्तस aftas - श्र० चपटी नासिका वाला । ( Flat nosed. ) अफनह aftah - अ० चौड़ी नासिका वाला । ( Broad nosed.) - यु० नाइवह । तिब की परिभाषा में राजयक्ष्मा (तपेदिक) को कहते हैं । हेक्टिक फीवर (Hectic H'evc1). -ई० । अफ्तीमून aftimúna ० [ यू० एपिथिमून ] हिं० संज्ञा पु ं० श्रकासवेल विलायती, अमरबेल विलायती हिं० । कस्क्युट एपिथिमम् ( Cus cuta Epythymum, Linn.) -ले०। दी लेसर डॉडर 'The Lesser Dodder - ई० शज्रतु..जब श्रू; सचश्श ई. र० । अफ़्तीमूनेविलायती फा० । शियून तु० । ( NO. Cone dontacer ) उत्पत्ति स्थान -- युरोप, पश्चिम एवं मध्य एशिया और फारस | नोट - इसमें तथा भारती प्रकाशवेल में सिवाय स्थान भेद के और कोई अन्तर नहीं है । अतः इसके वानस्पतिक वर्णन आदि के लिए देखो अकाशवेल, रासायनिक संगठन-कर सेटीन (Quercetin ), राल, एक क्षरीय सख तथा कस्क्युटीन For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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