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अपहा.
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अपहा. apahá-पड़ा ( प्रत्यय ) हन्ता, मार डालने वाला। हत्यारा, हिंसक, वधिक । ( Ki• ller, -cide ).
-अपना apaksha - हिं० वि० (१) पक्ष रहित, निःसाहाय्य (helpless) । ( २ ) पंख रहित । अपक्षिप्त apakshipta हिं० वि० [सं०]
( ४ ) ग्रीवा से ऊपर के मर्मों में से उक्र नाम के दो म विशेष | सु०. शा० ६ ० । (२) आँख की कोर ( या कोना ), नेत्र कोण, कटाक्ष | (Corner of an eye) । (६) दोनों नेत्रोंके बाहर की ओर भौत्रों की पुच्छीके नीचे उन नाम के दो मर्म हैं । बा० शा० ४ श्र० १ (७, बैं० लटजीरा, अपामार्ग, चिचिंश || Achyran• thes aspera ).
(१) पण की क्रिया द्वारा पलडायात्रा फेका हुआ । (२) फेका हुआ । गिराया हुआ । पतित । अपक्षेपण apakshepana - हिं० संज्ञा पुं० [सं०] [वि० पक्षिप्त ] फेकना । पलटाना | ( २ ) गिराना, ध्युत करना । ( ३ ) पदार्थ विज्ञान के अनुसार प्रकाश ( तेज ) और शब्द की गति में किसी पदार्थ से टक्कर खाने से व्यावर्तन होना, प्रकाशादि का किसी पदार्थ से टकरा कर पलटना । ( ४ ) वैशेषिक शास्त्रानुसार श्राकुञ्चनं, प्रसारण श्रादि पाँच प्रकार के कम्मों में से
एक ।
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पाक: apákah-सं० पुं० I apaka - हिं० संज्ञा पुं० (Indigestion ) अजीर्ण, अपच । ( २ ) पाकाभाव ( कच्चापन ) | Immaturity (३) उदरामय । श्राँव, श्रम | अपाकरण apakarana - हिं० संज्ञा पुं० [सं०] [वि० अपाकृत ] | पृथक्करण | अलग
करना ।
अपाङ्गः apángah सं० त्रि० अपाङ्क apánga-fहि० वि०
(2)
अपाकशाकम् apákashákam सं० की ० अपाकशाक apákashaka - हिं० संज्ञा पुं०
अदरक, आर्द्रक, आदी । श्रादा बं० । श्राले - मह० | ( Green ginger ) रा० नि० ६० ६ ।
( १ ) अंग भंग, अङ्गहीन (Crippled ) | मे० । संज्ञा पुं० (२) Canthus ( The outer corner of the eye ) नेन प्रान्त । रा० नि० ब० १८ । (३) तिलक | तिल | ( Sesamum Indicum ) मे० गत्रिकम् ।
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अपाङ्गकः apángakah सं० पु० अपामार्ग सुप, चिचिदा-हिं० श्रापा - बं० । ( Achy ranthes aspera ) ले० । श० ० ॥ अपाङ्गक मूलम् apangaka-mūlam सं०ली०
देखो - श्रपाङ्गमूल 1
अपाङ्गमूल apángamūla-o अपामार्ग की जड़ | Achyranthes aspera ( Root of - ).
अपाङ्गदर्शन apánga-darshana हि० पु० तिरछी नजर से देखना । ( A side gla nce, a leer, a wink ). अपाङ्गधा apángyá सं० स्त्री० ( Zygoma tico arbital)
अपाचीनम् apáchinam-सं० की ० दूर करना नाटकरना । श्रथव ।
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अपात्रम् apácavam-सं० ली० अपाट] apátava - हिं० संज्ञा पुं०.
(१) अपादव, रोग, बीमारी । ( A disease) (२) जाड्य, जड़ता, शीतलता ( Anasthesia) रा०नि० ० २० । ( ३ ) बाढ़ा, भूख 1 ( Hunger) । ( ४ ) मय, शरात्र । (५) पटुताका अभाव | अकुशलता अनाड़ीपन । (६) अचंचलता | मंदता सुस्ती (७) कुरूपता । बदसूरती ।
वि० (१) रोगी, बीमार । ( २ ) जड़ । ( ३ ) भूखा । ( ४ ) अपटु, अनादी । ( १ ) चंचल | (६) कुरूप
अपात apata-सं० वनराज ( Bauhinia .racemosa; Lmm, Hook eto. ) फॉ ई० १ भा० ५३७ पृ० १-हिं०वि० पत्रशून्य |
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