________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पि० ज्य पित्तज्वर ० क.
बच्या कल्पद्रुम पि० व०
पिम्पल्यादिवर्ग । चं, बङ्का बंगलाभापा था बंगाल (-ली) पी०व० एम० प्रैक्टिशनर्स वेडमीकम् । वु. खं०
बुदेलखंड की बोली पुल्लिंग . ७० मु०
बुस्तानुल मुफ़र्दान् गुर्तगालीभापा : बु० का
बुहानेकालो पुष्प वर्ग वृ.स. हत्संहिता (वराह मिहिर माहिता) पुरानी हिन्दी ' ० यो त
गृहयोग तरंगिणी पूर्व खंड, पूर्व भाग . वेग०, बे०
बेरार,येलू ची पूर्वीय भारत बांखा०
बोखारा पूर्वीय तराई बुन्देल०
बुदेलखंड पूर्वी हिन्दी ब्रिटि० फा० (बी० पी०) ब्रिटिश फार्माकोपिया
पोरबन्दर व्या० क. व्याज़ कबीर ( १, २, ३ भाग) प्रत्येक, प्रयोग, प्रसारणीभग
भगन्दर प्रत्या प्रत्यय भ० द्विरूप-को.
भरतद्विरूप कांप प्रमे० (हः) प्रमेह , रसस०
भरनत रभस प्रयोगरत्न
प्रयोगरत्नाकर भल्ला० मुड़
भल्लानक गुड़ प्रयोगा० प्रयोगामृत भा०
भाग, भारत, भावप्रकाश प्र० शा० प्रत्यक्ष शारीरम( म०म० भा०
भावप्रकाश पूर्व भाग क० गणनाथसेन विरचित् ) भा०
भावप्रकाश प्रसतं. प्रसूति तंत्र | भा० भै०
भारत भैषज्य रत्नाकर प्रसू० शा. प्रमूति शास्त्र | भा० म०
भाचप्रकाश मध्यमाग मह.
प्रहर | सा० र. शा०
भारतीय रसायन शास्त्र प्रा०
प्राकत भापा (डॉ. वामन गणेश देशाईकृत महरठी ग्रंथ ) प्लेन भू० उन्माद०
भूतोन्माद फ० व० फलवर्ग भूटा
भूटानी फा० फारसी भाषा भूरि० प्र०
भूरिप्रयोग फा० इ० फार्माकोग्राफिया इंडिका ( डॉ० । भे० सं०
भेल संहिता वि० डाइमेंाक विरचित् ) १, २, ३, भा० भेष. (भै०र०)
भैषज्य रत्नावली फा:०
फाज़ हिंदी अँगरेजी कोप भौ० वि० भौतिक विज्ञान ( सम्बन्धी)
फिरंगी म०, मह.
महाराष्ट्र, मोडी, (महरी) ० (फ्रां० या फ.) मञ्च(फरासीसी
म. श्र०
मरनुलअद्वियह भाषा)
(हकीम मीरमुहम्मद हुसेन विरचित) ब० (बहु) 0
बहुवचन | म० अक.
मरजानुल अक्सीर २०, ३० (बर०) बरमा (बरमी) भाषा
म. अ० डॉ०
मरजानुल अदविया डॉक्टरी बम्ब०
मध्य खण्ड बरब०
मरजानुल जवाहर या तिच्यी व घ. ज. बह रूल जवाहिर ( अरबी वैद्यक कोष)
डॉक्टरी लुगात बं० से० सं० बंगसेन तंहिता मद०
मदरास
बम्बई । म० खं. बरबरी | म० ज०
For Private and Personal Use Only