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अस्तियाक
२६३
अत्यम्ल
का साग, बालू की भाजी-द० । ( Gisekia (Policteres Isora) फाई।
Pharmacioides, Liun.) सफा०६०। मे० मे० । आत्ताक attiryaq-अ० विषघ्न, विषहर, | अत्यः atyah--सं०५० अश्व, घोड़ा ( A hor
प्रतिविष । (Antitlote)। फा०६० २ भा० ) ) । श.1 अत्ति-हरणु atti-hannil- कना० गूलर ( Fi. :
अत्यग्निः atyagnih--सं०१० (१) क्षुधाधिक्य, Stus glomeratia, Roxb.) सफा०ई० ।
भूख की अधिकता। चन्द.अग्निमा०वि०। अत्तीर sttien'-फ्रे० सीताफल,शरीफ़ा (Anona (२) भस्मक रोग विशेष । ऐसे रोगी को अत्यधिक shuamosa)। ई० मे० मे०।
सुधा प्रतीत होती है। देखी-भस्मकाग्निः। अत्त तुम्मट्ट attit-tummatti-ता० इन्द्रायन .
विज० र०। ( Citruliis colocynthis )ito !
। अत्यन्त कुसुमाकरः atyanta-kusumāk. मे० मे०।
aah-स'. पु. कङ्गुनी बृक्ष, मालकांगुनी । अत्तई attri-ता० जलायुका, जोक,जलीका-हिं।
(Celastrus paniculata, 17'illd.) (fitlo imedicinalis. ) ई० मे मे ।
अत्यन्तपझा atyanta-padma--सं० स्त्री अत्तोर uttora-सिं० दाद मर्दन, चकबंद, चक्र
___ कमलिनी । ( Nymphaa edulis, RŽI ( Cassia alatit, Linn.)
___D. C. ) वै० नि। स. फा००। अत्नः thah-स. पु. सूर्य्य ('he stum)
....... | अत्यन्त शोणितः atyanta-shonitish-सं० घनित्र
त्रि०(१) अतिरक, रक्राधिक्य । -क्ली (२)
सुवर्णगैरिक । वै० निघ० । अत्नु a tnt-fह. पु. [ स ] The still
अत्यन्तसुकुमारः atyanta.sukumārh--
-सं० पु०(१) कंदली वृक्ष ( Parmicum अत्वात न atbatuna-यु. एक प्रकार का मद्य
italicum ) । ( २ ) कङ्गणी माल कोगुनी जो द्राक्षारस, मधु तथा गरम श्रोधधियों द्वारा
(Celastrus paniculatus, Hilla.) प्रस्तुत किया जाता है । लु० के० ।
रा०नि०व०१६। अत्यान athāna- अ० (२०५०), तिटन (ए०५०)
अत्यावपानम् atyambu-pananm--सं० क्ली० घास,लण (Gilass)। रु० फा० ई०। ।
अधिक जल पीना, परिमाण से ज़्यादा पानी श्रवान् aatbal-अ० कक्ष, कक्षतल, बगल
पीना, इससे निम्न दोष होजाते हैं, यथा-अधिक -हि। परिज़ल्ली Axill:-ले । ग्रामपिटप
जल पीने से तथा बिल्कुल जल न पीने से अन्न (Armpits)-ई । म० ज०।
का विपाक नहीं होता। इस लिए मनुष्य की त्यूत atbutilबर रीठा, अरिष्ट ।
पाचकाम्नि वर्द्धन हेतु थोड़ी थोड़ी देर में जल अरम atttina--ऋ० धुना हुआ उन । लु० के०। पीते रहना चाहिए । इति जलपान लक्षण | रा. अन्मात atm itih--बर० । रीठा (Sapi
निव०१४। अरमून atmuta.-बर०
d ustri
अत्यम्लः atyamlah--सं० पु. । foliatus, Lin. )
अत्यम्ल atyamla-हि. संज्ञा । अत्मारह atmorah-बं० । मरोड़ फली, । (५) अम्ली , इमली का पेड़ ( Tama. प्रत्मास atmora--बं०
श्रावनी
Tindus Indicus)तुल-बं०रा०नि०
सूरर्य।
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