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प्रहक
अटवी जम्बि (म्बी, म्भी)रः
अटक takka-मल० सुपारी-हिं०। Areca ! मिचम्, कटचालु-ता० । कटुमिम्बे-गिडा,कनिम्बे,
Catechu, Linn. (Nut of--Be- ! अष्टधी-निम्ब-कना। नरगुनी-उड०। मलtel nt. )-ले० । स० फ ई ।
नारङ्गा, मले-नारकम-मल। माता नर-द०, प्रामा-मणि atakki-mani-मला. मगडो । को। चोर-निम्बु, ईद-मिम्बु-को। भोदी-निम्बु
(Sphæranthus hirtus, Villd.)! -T° | स. फा०६०।
नागरङ्ग वर्ग ni açací-io oftaar, farera ( Brass ). (X.O. durantiaceve. ) ० मे मे01
उत्पत्ति स्थान-पूर्वीय बङ्गदेश, दक्षिणप्रभूषण atabhusbana-सं० क्ली० हड़ताल भारत, ला, सिलहट, खसिया पर्वतमूल,
Orpiment ( Trisulphuret of ' . सम्पूर्ण पश्चिमी प्रायद्वीप, कारोमण्डल तथा कोंकन Arsenie) लु०क०।
से दक्षिणात्य । #1# açarú-o $361 ( Justicia वानस्पतिक वर्णन-अटवी जम्बीर एक adhatoda).
विशाल, करटकमय, धारोही झाड़ी है जो अटरूषः atarushah | -सं. पु. अड़सा, पश्चिमी प्रायद्वीप तथा सिलहट की पहाड़ियों पर अधरूषः agarushah | वासक वृक्ष ( A. |
सामान्य रूपसे पाई जाती है । इसके पत्र नारङ्गी dhatoda Vesica, Verg. ) २० सा.
पत्रवत् सुगन्धित होते हैं । फल गोलाकार, पीले सं० सूतिकारि रस और कन्दर्पसार सैल । या !
लगभग १ इन्च मोटे ( व्यासमें ) और झिल्लीदार चि०२ १० । देखो-घासकः।
परदे द्वारा चार कोपों में विभाजित होते हैं। अटरूष: atarushah -सं० पु. :
एक कोष साधारणतः पतनशील होता है । मजा अटरूषक: atarusha.kah) (१) चासक
( गूदा ) नीबूवत्, परन्तु अति न्यून होता है । वृष, अड़सा । र० मा०। च०६०, रक्तपित्त चि० । (२) पाड़ । (३) अरलू । (४)
प्रत्येक कोष में ३ इञ्च लम्या और १ इञ्च चौड़ा महानिम्ब । शा० श० । इं० मे. मे० ।
एक बीज होता है उसके एक उन्नतोदर ( उभरा अठवि: atavih ) -सं०स्त्री० (A forest, हुआ) और दो चिपटे पृष्ठ (नारंगी के फाँक अटवो atavi Voud.) अरण्य, वन ।
की तरह ) होते हैं । फलात्वक में नागरग त्वक्वत् अट (द)बो-अत्ति atavi-atti-कना० जंगली !
अल्प (निर्बल गंध एवं असंख्य तैल की। zant-fam | Ficns oppositifolia, ग्रंथियाँ होती हैं। देहाती लोग इसके बीज को korb. (Fruit of )
जो ताजा होने पर माल्यन्त सुगन्धियुक्त होता है, अटवी जम्बि (म्या, म्मो)र: atavi jambi,- चूर्ण कर इसे मी से ( तिल तैल ) में छोड़ _inbi,-imbhirah-सं० पु. जंगली निम्बू कर निचोड़ लेते हैं । फलतः इस एक गम्भीर -हिं०, द० । ऐठलेण्टिया मोनोफाइला (At- हरितवर्ण का प्रिय गंधयुक्त तेल प्रस्तुत होता है । lantia Monophylla, Corr. ); इसका त्वचा पर अभ्यङ्ग करने से यह उसे ऐ० फ्लोरिडा ( A. floribunda, आवश्यक उष्णता प्रदान करता है। बीजों को Kheede.); लाइमोनिया मानोफाइला (Li- दबाने से इसमें से किसी प्रकार का सामय inonia monophylla, Linn.). To सैल नहीं प्राप्त होता; प्रत्युत वह वस्त्र जिसमें वाइल्ड लाइम ( wild lime )-३० । बीज दबाए जाते हैं, स्थिर तेल द्वारा तर होजाता मलङ्गनार (इ० मे० मे०)-०१ मतङ्गनार, है । मीलगिरि पर्वत पर पाए जाने वाले कुरुन्थु मखुर, माकड़-लिम्बु-मह । अडवी-निम-ले०। (सा०) नामक ( Limonia alata, कटइ लुमिश्चई, को-इलुमिश्चम परम, कट-इलि- W. and a.) नीबू से भी इसी प्रकार की
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