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अजितागदः
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अजिर
नागरमोथा, सिंघाड़ा, तज, पोपर, इन्हें २-२ | अज़िन azina-१० जिस मनुष्य के कर्ण द्वारा तोला लेकर, कूः बारीक चूर्ण कर उक तैल में | सर्वदा सरल स्त्राव होता हो। मिलाकर पकाएँ । सेवन विधि तथा गुण-! अजिनम् ajinam-सं० क्लो० ) (.)मगधर्म, इसके सेवन से पंगुरीग बाले, विसर्प, स्नायु, अजिन ajina-हि. संज्ञा पु। मृगछाला । संकोच, खंज, शिरा संकोच, गान भग्नता, (The hairy skin of any antolops.) गति की नष्टा, नन्यास्नम्न, भुमा, कंट- अमः । (२) चम्म, खाल, छाल । (३) स्तम्भ, एकांगवात, सांगवात, लकबा, सोजा, ब्रह्मचारी प्रादि के धारण करने के लिए कृष्णास्खुजली, हनुग्रह, महाबात तथा जिनके अंग । मग श्रीर ज्यान श्रादिका चर्म । श्रथ० सू०६८। जरिन हो गए हो, कटिं, काल, जानुस्थित . ३ का० । वायु, मंत्रियों का मारजानः, शिरास्तब्ध, स्नायु, अजिनपत्रा ajina-patri-सं० स्त्री० ( A अस्थि, सन्धि, उरु, इनमें स्थित वायु, शूल, . bat.) चमगादड़-हिं० । जतु (तू) का, शिरोशूल, गाप्रशूल, एकांग तथा सर्वांग वात, चर्नचटका ( टी )-सं०। बाबा, चाचिकी त्रियों का योनिशूल जो वातरक्त के प्रकोप से -५०रा०नि० ५० १ हुना हो, पुरुषों का शुक्र क्य, मेढ़राल, विकलता, : अजिन एत्रिका ajina-patrika-सं० श्रो. इन्द्री कीरणता, D गापन, स्तुतिविभ्रम, तुतलाना, : (१)( A bat ) चर्मचटी, चमगादड़ निरुद्ध वाणी, रियों की सन्तान होनता, प्रावि, -हि । है. च०। (२) (An owl) पेचक शक्र का दूषित होजाना, इन समस्त विकारों को उलूक पक्षी, उन्न। दर करते हुए मनुष्य को स्पति प्रदान होताहे। : अजिनपत्री ajiva-patri सं०सी० (A bat)
इसके सिवाय, प्राध्मान, प्रत्याध्यान, अधिक जतु (-तू-)का, चमगादड़, सामचिदिया-हि०। डकार का पाना, जम्भा, कर्णनाद, तत, वातो. चाचिकी-बार ०नि० २०१६। न्माद, अपस्मृति, शाखाबात, गृध्रसी, अस्सी अजिन योनिः ajina-yonih-सं० पु. । प्रकार के वातरोग, मिति वात, कफ के रोग, अजिन योनि ajina-yoni-हिं. संझा पु., इसके अभ्यंग, पान और नस्य से दूर होते हैं ! हरिण, मृग (A deel, An Antelope). तथा जिनके अंग सिकुर गए हों उन्हें प्रसारित मु०। करता है। उर्ध्वगत, अधोगत समस्त वात रोगों अजिन्नहajinnah-० (ए० व०), जनीन को यह प्रजितप्रसारणी नामक तेल शीघ्र दर
(घ०व०) गभं, भ्रण, जरायुस्थ शिशु, बह करता है। बं० से० सं० घातम्या० चि०। शिशु जो माताकी उदर में हो । फीटस Fetus, अजितागदः njitagadah-सं० क्लो० वाय
एम्ब्रयो Embryo-इं। विडंग, पा: (निर्दिपी हरिद्वारे), यामला, हर, नोट-अंगरेजी में ३ मास से न्यूनावस्था बोरा अजमोद ग सॉटनि. पीपल वाले भ्रण को एम्ब्रयो और इससे अधिक वाले
की फ़ीटस कहते हैं। चिक, लवणों का सूचम वर्ग चूर्णकर शहद मिला कर गाय के सींग में भर कर १५ दिन तक बंद : अजिप्टिशां इण्डिगोप फ्लेख agyptische रक्खें । प्रयोग-इसके सेवन से स्थावर तथा
____ Indigop fange जर. श्वेतनील, मीजंगम विष दर होते हैं । भै. र० विषाधिकारे।
लिनी-सं० । नील बं०। ( Indigofera
____Argenta) ई० मे० मे० । अजितात्मन् ajitatiman 16.पु.(Oneअजितेन्द्रिय ajitendriya, who has | अजिब aaziba-० वह जल जिस पर काई
जमी हो। not subdued his mind or his senses. ) वह मनुष्य जिसकी प्रास्मा एवं : अजिरः ajirah-सं० ० क्लो. (१) मण्डक, इंद्रियाँ वश में न हो।
अजिर ajira-हिं० संज्ञा० पु. मेंढक,दर ।
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