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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अजानिः भजाप्म् वक तथा गर्भजनक है । रा० नि० व.३ । __-फा. । ( Citrullns colorynthis, (३)( Gmelina Asiatica or Schrad. ) Rourca. santaloides. ) वृद्धवारक, । अजाम anjāma-० बड़ा चमगादर, चामविधाग। रा०नि० २०३। चिड़िया, चमगादड, चमगुदड़ी (A bat). अजानिः ajanib-सं० पु. ( Vithout a अजामांसम् ajamansam-सं० क्ली० (Go. wifea witlover.) श्रा । at flesh) छाग मांस, बकरे का मांस । अजानिक: ajanikah-सं० पु. (A goat-! गुण-लघु, स्निग्ध, किधित् शीतल, रुचिकारक, _hed.) गड़ेरिया, भेड़ बकरी पालने वाला। मधुर, पुष्टिकारक, बलकारक तथा बातपिश नाशक अजापकम् a.japa.kvam-0 क्ली० पकघृत है। ० निघ०। विशेष । अजावूत्रम् ajami tham-सं० ला० (Sheप्रजापञ्चकम् Hjapanchakam-सं० क्री० goat's urine ) छागीमूत्र, सकरीका मूत्र । यक्षमा रोग में प्रयुकाने वाला घृत । निर्माण- गुण-रस में कटु, उष्ण वीर्य, रूक्ष, नाड़ी. विधि-छागीयन ४ श०, छागविष्ारस श०, विपन,एवं प्लीहोदर, कफ, श्वास, गुल्म तथा छागीदुग्ध ४ श०, छागीदधि ४ श०, छाग मूत्र | शोथ (सूजन ) नाशक और लघु है । ग० न० ४ श०, इनको एकत्रित कर उसमें पल यवक्षार घ०१५ । १० उ०२४५०। दालकर यथा विधि पाचन करें । बस इसी को | अजामेद: ajainidah-सं० ला (Goat's "अजापञ्चक" कहते हैं। च० द० यक्ष्मा- fat) छागवसा, बकरे की चर्बी । वा. चि.. चि० । सैष०। ३०। । प्रजापञ्चक वृतम् ljapanchaka-ghyi- | अजायन ajayana)-180 संघा पु• नीम के tam-सं० को. छाय । पुरीष रस, नाग मुत्र, अजान ajana. बराबर होने वाले एक भारछाग दुग्ध, छागदधि, इनमें घृत मिद्ध कर सेवन तीय वृक्ष का नाम है। इसके पसे श्राम के पत्तों करने से राजयक्ष्मा, श्वास तथा ग्वामी दर होती। के समान किन्तु इससे बारीक और लम्बे होने हैं । इसने फलियों लगती है जो अंगुली के अजापयः japityah-सं० ली. (Goat बराबर मोटी और आध गज तक लम्बी होती है। milk.) छाग दुग्ध, बकरी का दृध । बा० उ० इसकी छाल रमशोधक है। | अज़ायह, anzayah-अ० माररा (छिपकली के अजापाद injipada-सं० पजीरी, सिटकी। क्रिस्म का एक जानवर है)। A kind of इन्दुपर्णी, उल्पलभेद-सं० । ऐनिसाकिलस कार्ने:- lizard. 49 (Anisochilus cariosus ) अजार ajara-हिं. संज्ञा पुं० [फा० प्राङ्गार ] -ले । ई० मे० मं० 1 देखो-सीता की रोग । बीमारी { (A disease). पोरो। अज़ार aa.z.ara-० अज अह , माई खुर्द, अजाप्रिया ajapriya-संत्रो० झाझेरी-पं0 (छोटी या बड़ी माई), भाऊ । ( Tamarix वदरी वृक्ष, बेर-हिं० । बालक प्रिया, भू-कर्टक, Gallica, l.inm.) सूक्ष्म-फल-सं० । मल्ल, बेर, झाड़ी-यू. पा०।। अजारम् aajarama-१० मज़बून सूई अथवा ज़िज़िफस नुम्मुलेरिया( Zizyphus in.- पुरुष शिश्न । ( Strong-needle or mutaria, ), जि० माइक्रोफाइला (Z. humain penis ). Microphylla)-ले० | भा० फ० व.। | अजारह anjarah अ० स्वरभेद । (A kind . अजाफ aajafa-अ० इन्द्रायनका फल | ह.जल of Date). For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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