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अजवाइ (य)न खुरासानी
अजवाइ (य) म खुरासानी
पीसकर कल्क प्रस्तुत कर पुनः जंगली साँड | के चमड़े में बाँध कर स्त्रियाँ गर्भ निरोध हेतु इसे पहनती है। इसके बीजों के स्वर्ण तथा राल दोनों को मिश्रित कर वेदना नाशन हेतु खोखले दाँतों में भरते हैं।
माल काँगनी, बच, अजवायन खुरासानी के बीज, कुलजन और पीपल इनको समभाग लेकर जल के साथ पीसकर कल्क प्रस्तुत करें। पुनः इसमें शहद मिलाकर स्वरयंत्र प्रदाह में ३|| मा. की मात्रा में दिन में दो बार व्यवहार में लाएँ। ( इलाजुलगुर्वा)
खोरासानी अजवायन और सेंधानमक को खाली मेदा बहुत सवेरे सेवन करने से एकिलोस्टोमा ( Ankylostoma) नामक कृमि में लाभ होता है। (डॉ. रॉय) एलोपैथिक मेटीरिया मेडिका
और .. हायोसाइमस (पारसीक यमानी )
पारसीक यमानी पत्र हायोसाइमाइ फोलिया ( Hyoseyani | Folia)-ले० । हायोसाइमस लीभूज़ (Hy. ! •oscyamus Leaves), हेनबेन लीज ! ( Henbane Leaves)-३० । औरानुल्बा, प्रौरानुस्सीकरान-अ० । बर्ग बक-फ़ा। सोलेनेसीई अर्थात् धुस्तुर वर्ग (N. 0. Solanacee )
silinga ( Official) .' उत्पत्तिस्थान-ब्रिटेन ।
वानस्पनिक नाम व प्रयोगांश-इसका वानस्पतिक नाम हायोसाइमस नाइगर ( Hyo. seyllmus Nigal) अर्थात् काली खुरासानी अजवायन है। इसके नवीन पत्र व पुष्प को शाखा सहित अथवा केवल पत्र तथा पुष्य को तोड़कर शुष्क करके श्रीपध कार्य में वर्तते है । __ लक्षण-पत्ती की लम्याई विभिन्न होती है। ये दस इंच तक लम्बी और कई अंशो में विभाजित हेती हैं | कोई डंडल युक्र एवं कोई डंठल रहित होती है । इनका रूप अंडाकार और किसी कदर त्रिकोणाकार होता है। इनके किनारे अनिय
मित रूप से दंष्ट्राकार होते हैं। वर्ण सूक्ष्म हरा तथा निम्न भाग एवं शाखा विशेषकर रोमयुक्र होती है। नवीन पत्ती एवं शास्थानों की गंध तीत्र व बुरी होती है। स्वाद-कड़वा संथा किञ्चित् चरपरा । __ समानता · बिलाडोना और धतूरे के पत्ते इन पत्तों से मिलते जुलते हेाते हैं। किन्तु, वे रोमरहित होते हैं।
रासायनिक संगठन-इसमें (१) हायो. सायमीन और (२) हासीन ये दो प्रभाव कारी अल्कलाइज़ अर्थात् क्षारीय सरव तथा एक विपला सैल होता है। - असम्मिलन (संयोग विरुद्ध)-लाइकर पुटासी, लेड एसीटेट, सिल्वर नाइट्रेट और वानस्पतिक एसिड्स । .
प्रभाव-निद्राजनक ( Narcotic ), बेदनाशामक ( Anodyne ) और प्रवसादक (Sebative).
ऑफिशल योग ( Official preparations ).
(१) ऐक्सट्रैक्टम हायोसाइमाई (Extractum hyosoyami)-ले । एक्सट्रैक्ट श्रॉफ हेनबेन या हायोसाइमस ( Extract of Henbane or Flyoscyamus )ई । पारसीक यमानी सरत्र, खुरासानी अजवायन का सत-हि । खुलासहे यश, रुब्द बङ्क
निर्माणधिधि-डायोसाइमस नाइगर (काली खुरासानी अजवायन) के नतीन पत्तों, फले तथा कोपलों को कुचल कर दबाने से जे स्वरस प्राप्त हो उसे कतराः १३. कारनहाइट का ताप दें तथा कॉलीको फिल्टर द्वारा छानकर रंगीन अंश भिन करलें, पुनः छने हुए रस को २००° फारनहाइट की तापदें और उसे छानने के पश्चात् शीरा के समान गाढ़ा कर लें। पुनः उस रंगीन पृथक किए हुए द्रव्य को बालोंकी चलनी में छानकर इसमें सम्मिलित कर दें, और लगभग १४०० के ताप पर इतना शुल्क करें कि वह मृदु अवलेह के सदृश हो जाए।
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