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अग्रपाणिः
अग्र- पाणि: agra-pánih - सं० पु० The fore part of the hand. हस्ताम्र, हाथ का श्रम भाग ।
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अग्र-पादः agra-padah - स० पुं० ( Tho fore part of the foot, tocs. ) अंगुलियाँ |
श्रत्र- पुप्पः agra-pushpah - सं० पु० Cal amils rotang, Linn. ( Common cane) बेंत - हिं० । वेतस वृक्ष सं० । बे गाव वं० । प० म० ।
To
( Flesh in the heart ) हृदय के भीतर होने वाला मांस वृद्धि रूप रोग विशेष | सु० शा० हृदय, बुक्का | ( The heart. ) अप्रया agrayá सं० स्त्री० | The three myrobalans. ) त्रिफला |
अप्र· बाहु: agra-bahub - सं० पु० ( Fore arm ) कोहनी के नीचे अथवा कोहनी से कलाई तकका भाग, अग्रबाहु या प्रकोष्ठ कहलाता ! है । बाहु कोहनी के स्थान पर बाहु के ऊपर मुड़ जाती है। साइद, मिश्र सम्, कलाई अ० । श्रबाहु मूलगा पेशी agrabáhumūlagapeshi - हिं० संज्ञा स्त्री० ( Pronator vedii tores.) कोहनी से नीचे की पेशी । अग्र-बीज agra-bija - हिं० संज्ञा पुं० [सं०]
( १ ) वह वृक्ष निसको डाल काट कर लगाने से लग जाए । पेड़ जिसकी कलम लगे। (२) कलम |
अब्र-भाग agra-bhaga - हिं० संज्ञा पुं० अगला हिस्सा । पहिला हिस्सा । श्रागे का भाग ( The preceding part. ) (२) सिरा | नोक । छोर । ( 'Tip,point.) अग्रभूमि agra-bhumi-हिंο संज्ञा स्त्री० | असर agrasara हिं० संज्ञा पुं० [स ं०]
अप्रभुंग agra-shringa - हिं० पुं० (Anterior horn.) योनि का अगला शृङ्ग । श्रमशोची agrashochi - हिं० संज्ञा पुं० [स ं०] आगे से विचार करने वाला । दूरदर्शी । दूरंदेश | श्रप्रसन्ध्या agra-sandhya - हिं० संज्ञा स्त्री० [ सं . ] प्रभात । प्रातः काल 1
[ स ० ] घर की छत । पाटन । श्र-मस्तिष्क agra-mastishka-स० पु० ( Fore-brain ) भेजे का अगला भाग 1 श्रश्र-मांसम् agra-mansam-सं०
(१) आगे जाने वाला व्यक्रि, अग्रगामी पुरुष । अगुश्रा । (२) श्रारम्भ करने वाला । पहिले पहिल करने वाला व्यक्ति । ( ३ ) मुखिया प्रधान व्यक्ति । वि० ( १ ) जो श्रागे जाए | अश्रा ( २ ) जो प्रारम्भ करे । ( ३ ) प्रधान, मुख्य ।
श्रग्रह agraha - हिं० संज्ञा पु ं० [सं०] गार्हस्थ को न धारण करने वाला पुरुष |
वानप्रस्थ ।
अप्रयुन agrayúna-फा० खारिश, खुजली, कडु, खाज - हिं० | राइगो ( Prarigo ) राइटीज ( Pruritis) देखो -करडुः ।
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अग्रहस्तः
अप्र-लम्बिका agra-lambika-सं० श्री० ( Frontal lobe. ) ललाट-खण्ड । श्रग्र-लोडय: agra-lodyah - सं० पुं० (Ma rselia dentata.) बेथुना, चिचोटक-प - हि० | चेचको, चिचोड़-मुल-ग्रं० । गुण-यह पाक में गुरु, शीतल तथा अजीर्ण कारक है । राज० ।
श्रग्र-लोहिता agra-lohita-सं० स्त्री० चिल्लीशाक, बेलारी - हिं० रा० नि० ० ७ । श्रग्र-वक्त्र agra-vaktra - हिं० संज्ञा पुं० [सं०] सुश्रुत में वर्णित चीर फाड़ का एक यंत्र |
वि० [सं० ]
श्रप्रवर्त्ती agra-vartti - हिं० आगे रहने वाला । श्रगुश्रा । अग्र-बीज: agra-vijah - सं० पुं० A vivi• parous plant as the gemphrcena globosa, etc. वीजाम वृक्ष मात्र यथा कुण्डादि । हे०च० | देखो श्रमबोज | श्रव्रोहि: agra-vrihih स• स्त्री० प्रसाचिका, नीवार | र० मा० ।
अग्रहस्तः _ agra-hastah सं०पु० ( The fore part of the hand.) हाथ का
अगला भाग ।
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