________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एकत्रि पत्त्य-अनुयोगद्वार गुव-चतुर्थ मूस-28 (गाहा) उसे, निदेसेय, निगमे; खित्त काल, पुरिसेय, कारण // पच्चय, लक्खण णए; समुआरणा, अणुमए, किं कितिविहं // 1 // कस्स, कहिं, केसु, कह, किंचिरं हवइ अंकालं // कति, मंतर, मविरहियं; भावा, गरिसं, फासेण, निरुत्ती // 2 // सेतं उवग्याय निजुत्ति अनुगमे // से किं तं सुत्तफासिय निजुत्ति अनुगमे ? मुत्तं लावतारी ? चौवीसस्तवादि अध्ययन में समावनारी, 12 किस नय से सामायिकमाने-नेगम व्यवहार संग्रा यह तीन नय तपसंयम निग्रन्थ प्रवचन रूप सामायिक माने और ऋजुत्रादिचारों नय समता रूप सामायिक को माने, क्योंकि वही निर्माणमाप्ति रूप है, 13 क्या सामायिक ? समभावी गुनत में E. सामायिक, १३प्रश्न-कितने प्रकारकी सामायिक? उत्तर-तीन प्रकारकी सामायिक-१सम्यकत्व सामायिक, 2 श्रुत सामायिक, 3. चारित्र सामायिक, १४प्रश्न-कौन पुरुष के सामायिक उत्तर-जिम की सामाधिमें आत्मा है उस ही पुरुष के सामायिक,१५प्रश्न-किस स्थानमें सामायिक उत्तर-आर्य क्षेत्रमें तीसरे चौथे पांचवे आरे . मनुष्य मति आदि बहुत बोल संयोगमें सामायिक,१६प्रश्न-किसमें सामायिक ? उत्तर-सर्व द्रव्यमें समता रस रूप सामायिक, १७प्रश्न-किस प्रकार सामायिक ? उत्तर-अव्याप्ती मनुष्य चित्त जाति कुल बल आरोग्य मूत्र श्रवण विनयोपचार के स्थान सामायिक, 18 सामायिक का कितना दीर्घ काल ? सम्यक्त्व सामायिक का और श्रुत सामायिक का 66 सागर कुछ अधिक, चारित्र सामायिक देमूना क्रोड पूर्व, १९प्रश्न कितनी 4882482 प्रमाण का विषय 488488 For Private and Personal Use Only