________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुनि श्री अमोलक ऋषिजी + तेणं इमे, अस्थि नामे उदईए. उवसमिए खईए, खउवसमिए निष्फन्ने, २अस्थिनामे उदइए, उवमभिए, खईए, पारिणामिय निप्फन्ने. 3 अस्थि नामे उदईए उवसमिए खउवसभिए पार निःफन्ने. अस्थि णामे उदईए खइए खउवसनिए पारिणामिय निप्फन्ने, 5 अस्थि नामे उपसमिए खईए खउवसमिए पारिगामिय निष्फन्ने।। 121 // 1 कयरे से नामे उदईए उवसमिए खईए ख उवसम निप्फन्ने ? उदइएत्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खइयं सम्मतं, खउवसभियाइं इंदियाई, एसणं से नामे उदईए उपसमिए खईए खउवसमनिप्फन्ने. 2 कयरे नामे से उर्दईए उवसमिए खईए संयोगी पांच भांगे बताते हैं- भौदयिक औषमिक क्षायिक व क्षयोपशमिक, 2 औदयिक औपशपिक क्षायिक व पारिणामिक, 3 औदायक भोपशामिक क्षयोपशमिक व पारिणामिक. 4 औदयिक क्षायिक क्षयोपशमिक व पारिणामिक निष्पन्न. यों पांच भांगे हुवे / / 121 // प्रश्न-औदयिक औपशपिक क्षायिक व क्षयोपशमिक नाय निप्पन कैने कहा ? उत्तर-उदय में मनुष्य मति. सपत नाय, क्षाायक सम्यक्त्व व क्षयोपशप इन्द्रिय लब्धि है इस से औदायिक औपशमिक क्षायिक व योपनष्पन्न न.म कहा. 2 प्रश्न-ौदपिक भोपथमिक क्षायिक र पारिवामिक निष्पना नाम कैसे कहा ? उत्तर-उदय प्रकाश राजाबहादुर साना सुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी. अर्थ न अनवादक बाल ब्रा में For Private and Personal Use Only