________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 138 * अनुवादकबालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी खनिष्फन्ने, 2 अत्थि नामे उदइए उपसमिए खउवसमनिप्फन्ने, 3 अस्थि नामे उदइए उनसमिए पारिणामिय निष्फने. 4 अस्थि नामे उदइए खइए खउवसमा निप्फन्ने, 5 अस्थिमामे उदइए खइए पारिणामिय निप्फन्ने, 6 अस्थि नामे उदइए खउवसमिए, पारिणामिय निष्फन्ने, 7 अत्थि नामे उबसभिए स्वइए, खउसमः निप्फन्ने, 8 अस्थि नामे उवसमिए खइए पारिणामिय निष्फन्ने, 1 स्पिनाम उपसमिए खउवसमिए पारिणामिए निष्फन्ने, 1 * अत्थिनामे खइए खओवसंमिए पारि. णामिए निष्फन्न // 119 // कयरे से नामे उदइए उबसमिए खयनिप्पान्ने? उदइएत्ति कथन करते हैं. / औदयिक औपयिक व अय निष्पन्न, 2 औदक्षिक औपशमिक व सोपत्रम निष्पन्न, 3 औदयिक औपशमिक व पारिणामिक निष्पन्न, औयिक क्षयिक वयोपशम निष्पन्न 5 औदयिक क्षायिक व पारिणपिक निष्पमा 6 औदयिक क्षयोपशमिक व पास्मिाभिक निष्पन्न 7 औपशमिक, क्षायिक व अयोपशम निष्पन्न. 8 औपशामिक क्षायिक व पारिणामिक निष्पन्न. 9 औषकशमिक क्षयोपशमिक व पारिणामिक निष्पन्न और 1. क्षायिक क्षयोपशमिक व पारिणामिक निष्पन्न * // 119 // अथ दश भांगे का खुलासा करते हैं. प्रश्न-औदयिक, औपशमिक व क्षयनिष्पन्न नास प्रकाशक राजावहादुर लामा मुम्बदवसहायजा वालासादनी For Private and Personal Use Only