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मानविकी विषय और अनुसंधान / 25
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चित्रकला, संगीतकला और नृत्यकला का सम्बन्ध जितना बाह्य प्रकृति से है, उतना ही मनुष्य की अन्तःप्रकृति से भी होता है । ये कलाएँ अपनी प्रकृति के अनुसार जीवन से भावनाओं, आकाँक्षाओं आदि का संचय करती हैं और रंग, स्वर या गति के माध्यम से अपने स्वरूप की अभिव्यक्ति पाती हैं। अतः इन मानविकी विषयों में भी शोध की सूक्ष्म भावपरक वही दृष्टि अपनानी होती है, जो साहित्य में अपनाई जाती है, केवल अध्ययन की शैली में कुछ अन्तर आ जाता है 1
निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि मानविकी विषयों का सीधा सम्बन्ध मनुष्य-जीवन की घटनाओं, परिस्थितियों, वातावरण और उनसे उत्पन्न विभिन्न प्रकार की अनुभूतियों तथा संस्कारों से होता है। ये सभी विषय मनुष्य के अतीत और वर्तमान जीवन का दर्पण होते हैं तथा भविष्य की संभावनाएँ भी प्रस्तुत करते हैं । अतः इन विषयों में शोध के लिए शोधकर्ता को मानव-जीवन की संस्कारगत गहराइयों में उतर कर सत्य, शिव और सौन्दर्य के रचनात्मक पक्ष का उद्घाटन करना पड़ता है
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