________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५३४ अमृतसागर तथा प्रतापसागरनरंग २५ जदिमेयगाजेपरवरसैंतांसमैत्रीसेवनकीजेतोरोगहोयनहीश रदरितुमैकामदेवजागेतदिकोजेनोरोगहोयनहींपरइतनांस्त्रीयां सूसंभोगकीजैनहींसोलियरजस्वलास्त्रीरोगवालीसासू २सास्त्रास्त्रीकैकामदेवजागेनहींतीली ४स्त्रीमलीनरहे। तीसं५ गर्मिणीस्त्रीसानमहिनाउपरांतिती परजीस्त्रीकीयो निमैंगरमाकोरोगहोयजी इतनास्त्रीयांसूसंभोगकीजेनहीं। अथोरतरेंभीमेथनवरज्योसोलिभपयुक्तपुरषाचार्यधि नापुरषरभूपोरोगी४निसायो ५वालकबूढो मलमूत्रका देगवालो इतनापुरसमैथुनकरैनहींअथ अतिमेयनसंइतनां रोगहोयसोलि मूलहोयापासरविषमजुर३क्षीणताक्षयी रोग५ अरवायकापक्षाधानादिकरोगयेहोयप्रथमेथनकीयां उपरांतिकाजेसोलिरमानकीजे मिश्रीकासंजोगकोगरमकस्तो दूधपाजै मांसारिकमागरसपाजेपासवपीजै पसकाविज़गांनेच्या दिलेरपवनकरजै शयनकाजै रात्रिनेघगोंजागिजैनहींरिनेघणे सोजेनीअररात्रिकाअंतमैपांच ५यरिकेतड़केपारगंजलीप्र मारामीरोसीनलजलपीजै पाछैपडीस्कैनडकैरिजेई विधिमू सदाकीजैतोईपुरषकैकदेभारोगहोयनहीं सदाप्रारोम्परहै इति रात्रिचर्याकीविधिः येसर्वविधिभावप्रकासमैअरसारंगधर मैलिषीछेसोदेषितीजोअथसारीरनाममनुणाकाशरीरमें जोजछै वायपित्तकफसर्वधात परशरीरकोउपजियोत्र रईकोनाशीनादिलेरत्यांकोसर्वस्वरूपजथार्थप्रतिसंक्षेप मुम्हांकाबुद्धिमाफिकलि मनुष्यकाशरीरमेंइननीवसछे कला आसयधान उपधान सानधानांका मल सातवसा तानों
For Private and Personal Use Only