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अमृतसागर तथा प्रतापसागर तरंग सोनांकापत लाउरककरातानाकरै तेलमैंकांजी मैं छाहिमैं त्रिफ लामैं गोमूनमै कुलत्थकाकादामें वारतीनतीनबुकाचे पाछैसोना सूंडूपारोले अरसोनांकाउर कानेंषटाइकै साथिषरलकरै पाछे वेंकोगो लोकरे पाछे वांदोग्यांकी बराबरि सोधीगंधक यांवलासार वेगोलाकैनी चैऊपरिदेर सरावासंपुटमै मेलि चैकैकपडमिट्टीदे गजपुटमें फूकिदे इसीतरैईकैपुर ३ नदियोमृगांकचोषोहोय? अथवा सोनांकाचापाउरकले नीकोसोलवोहिसोई में सीसोनांषे यादोन्यांनपराईसूपरलकरे पाढे के नीचे ऊपरि सोधीगंधक यांकीबराबरिदे परसरावां मेलिवे के ऊपर मिट्टीदेरगजपुट मैं किदें इसीतरेपुट देतोमृगांक चोषोवणे २ अथवा सो नांकारक मगायवांकी बराबरि वांगे पारोचरावैषरलमेंपटाई सूं पावकचनारकारसकी पुट १दे पाछेवेकेनिफालकारस कीपुर ३ दे पावें केकल हारीजडीकार सकी पुट १ दे पाछैवांगे सोनाकाउरकसूचीथोहिसोवामैमोतीनांषे अरबरलकरै पाछे
वासर्व काबराबरिसोधीगंधकनांषे पाछेदीनदोयषरलक ३.पालैबांकोगोलोकरिसरावासंपुटमै मेलि वेकैकपडमिटीकरि गजपुटमै फूकिदै पाछेवेनै स्वांगसीतलहुवांका देनामृगांकचोषो
३ अथमृगांक षावाकीविधिरतामृगांकले तसह तटंक मिलाय तीमैपीपलि १ मिलायषादेतो षासनैं सासनें क्ष इन प्ररुचिनें आदिलेरसर्वरोगांनेदूरिकरै महीनांदोयषायतौ शरीर पुष्टकरैपथ्यरत्याषठाई गरेषायनहीं ४ इतिमृगांकवि० अथरूपरसकीविधिलि० चांदी काउरक भागतीन ३ले रहरताल कापत्रयेक भागले पाछैयांदोन्याने षटाईझुंबरलकरै
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