________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir
१९७
७२
,
|त्तिका
......
पीतद्रु
३४९
पीतन ........
११३
४४
शब्दानुक्रमणिका. शब्दः
पृष्ठम् श्लोकः शब्दः पृष्ठम् श्लोकः शब्दः पृष्ठम् श्लोकः पिष्टक......... २२२ ४८ पुण्यक......... १७५ ३८ प्ररोग ..... पिष्टपचन ...... २१८ पुण्यजन ......
पुरोगम ...... पिष्टात......... १६५ १३९ पण्यजनेश्वर ...
पुरोगामिन पीठ............ १६५ १३८पण्य भमि... ... ६९ ८ पुरोडाश पीडन ......... २०६ १०९ पुण्यवत
२५३ ३ पुरोधस् पीडा .....
३ पुत्तिका १२६ २७ पुरोभागिन् पीत........... ३३ २४ पुत्र.....
२७ पुरोहित ...... पीतदारु ९२ ५३ पुत्रिका... ४५ २९ पुलाक ......... ९३ ६० पुत्रौ.... .........
१४० ३७ प्रलिन ... ३६५
२० पुलिंद २७ पुनःपुनः..
पुलोमजा
२५२ पुषित ......... २७३ (२३६ १०३ पुनर् .... पीतसारक ...
पुनर्नवा.... पीता .......... २२०
पुनर्भव .....
२३ पुष्कर ... पीतांबर ......
पुनर्भू १३६
| ११२ १४५
२३ पीन............
(३२९ १८५ पुन्नाग ......... पीनस ......... पुमस् ......
पुष्करात ...... पीनोध्नी
S८७ ३४ पुष्करिणी......
६१ २७ । ११ ५१ पुर ......
पुष्कल ......... १९७
| पुष्ट ............ पुर-सर.....
२८ (३३१
१९० पुरद्वार
पुरंदर ....... पुरंध्री .......
पुष्पक...... पीषन् .........
२३६ १०३ पीवर ......... २६६ ६१ पुरस्
३२८ १८३ पुष्पकेतु ...... २३६ पीवरस्तनी ...
३०६ पुरस्कृत
८३ पुष्पदंत ...... १६ पुंश्चली ......... १३३ १० पुरस्तात्
पुष्पधन्वन् पुस्............ १३०
पुरा......
३४७
| पुप्पफल ...... पुक्कस .........
पुष्परस ...... पख............
पुराण १२६९
पुष्पलिह पुगव
२०
२३ पुष्पवती ...... १३६ पुच्छ
पुराणपुरुष ... ...
७ पुष्पवतो ...... २५ १०
पुरातन......... पुंज ...... पुटभेद ...... पुरावृत्त
पुष्पसमय ......
पुरी............ पुटभेदन पुरीतत् ......
"३२० १४६ पुरीष .........
६८ पुष्यरथ ...... १९२ ५१ पुरु............
पुस्त पुंडरीक ......२
....... २४५ २८
१२८ २६९
पूग ...... पुंडरीकाक्ष ... १९ पुरुष ...
पूजन ....... पुंड ............
३२२ १५६
पूजा............ १७४ पुंडक .........
पूजित
.२७४ पुण्य .........१३२०
(३२३ १
पीयूष .........१
८६
३५०
१९३ पुरतस्.
पीलुपी ...... ११११
२२८
(
३५
.
.
.
..
.
पुटी.....
७२ पुरुषोत्तम
..........1३२०
For Private And Personal