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३५८
ऐ. नाम
कालरात्रि
कालिक (नाग)
कालिन्दी
काव्यालङ्कारसूत्र
कुख (त) क
कुमारसम्भव
कुम्भकर्ण
कुम्भसम्भव
कुरु
कुश
कृत्या
कृप
कृष्ण
कृष्णक
कृष्णा
केचित्
केनचित् }
केशव कैटभारि
कैलास
कोशल
कङ्कणी
कौङ्गी
कौन्तली
कौन्तेय
कौरव
कौरव्य
कौशाम्बी
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अलङ्कार महोदधि- व्याख्यायामुपयुक्तानाम्
पृष्ठे
ऐ. नाम
१७४
कौशिक
१७३ |कौस्तुभभृत्
११, २९३, ३३५
खर
३
गङ्गा
२०१
गजलक्षण
१८०
गजासुर
२०३
गाधिपुत्र
३२६ गिरिजा
४९, २०२, २७९
गृध-गोमायुसंवाद
}
१५७ | गोवर्धन ( पर्वत )
गौडीया
गौरी
चण्डप
१२७ गोदावरी १७४ गोलाई
६७, १७३, २८४
१७
१२८. २०२
२१४, २३१, ३१८
६७, १६१, २७३, २८५
३००
१२६
८६
चण्डप्रसाद
चन्द्र सूरि
चाणक्य
चाणूर (मल्ल)
चामुण्डा
चित्रकूट
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२१३
२१२
२१२ । छन्दोऽनुशासन
२२
चुलुक्यश्वर } चौलुक्य भूमिपति
जटायु
जनक
१२५
१३२
जनकसुता
२६ जनकात्मजा
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}
पृष्ठे
२३३
३१४
८७
३८, १७२, १७३
<
२८७
२६ ·
१७८, ३२५
११०
५३, १२१
१७३
२०२
६४, १६८, १७९
२
२
३३९
२, ८
२४९
१७४
२६०
२, २३०
८
२८, २४७, ३१२
३३, २३३
६९, ९७