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रोहा और उसकी प्राचीनता
इन खण्डहरों की खुदाई से प्राचीन काल की वस्तुवें प्राप्त होंगी । अग्रवाल वैश्य अगरोहे को कहा जाता है, कि यह स्थान प्राचीन समय में बड़ा समृद्ध तथा विस्ती था । आज कल इस स्थान की खुदाई करने की मुमानियत है । "
बहुत-सी महत्व की
अपना घर मानते हैं ।
सरकार की ओर से प्रत्येक जिले के सम्बन्ध में एक एक गजेटियर प्रकाशित होता है, जिसमें कि उस जिले की सभी उल्लेखनीय बातें लिखी जाती हैं। हिसार जिले के सरकारी गजेटियर में अमरोहा के बारे में जो कुछ लिखा गया है, उसे भी यहां उद्धृत करना उपयोगी होगा
" हिसार से उत्तर पश्चिम में लगभग बारह मील की दूरी पर देहली - सिरसा रोड पर अगरोहा स्थित है । इसमें सन्देह नहीं, कि किसी समय यह गांव बड़ा आबाद तथा समृद्ध नगर था। कहा जाता है, कि वैश्य अग्रवाल जाति के संस्थापक राजा अग्रसेन ने इस नगर की स्थापना की थी । इस राजा अग्रसेन का समय दो हजार वर्ष से भी अधिक पुराना है । गांव के समीप हो, एक पुराने नगर का खेड़ा है, जिसके नीचे निश्चय ही किसी नष्ट हुवे विशाल नगर के ध्वंसावशेष पड़े हैं। खेड़े के ऊपर किला बना हुवा है, जो ईंटों का बना है। कहते हैं, कि यह किला राजा अग्रसेन ने बनवाया था । सन् १८८९ में इन खण्डहरों की खुदाई हुई थी, जिसमें मूर्तियों के बहुत से टुकड़े तथा अनेक प्रतिमायें उपलब्ध हुई थीं । सब साइज की छोटी बड़ी ईंटें तथा सिक्के भी वहां मिलते हैं । एक जगह पर किसी
बड़े पक्के मकान की
1. C. T. Rodgers, The Revised list of objects of Archeological interest in the Punjab, p. 71.
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