________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मः॥ नमःकैवल्यनाथायनमस्तेदिव्यचक्षुषे // 47 // त्वं ज्योतिस्त्वंद्युतिर्ब्रह्मात्वं विष्णुस्त्वंप्रजापतिः // त्वमेवरुद्रोरुद्रा *त्मावायुरग्निस्त्वमेवच // 48 // योजनानांसहस्रद्वेदेशतेदे*चयोजने // एकेननिमिषाःनक्रममाणनमोस्तुते // 49 // नवयोजनलक्षाणिसहस्रदिशतानिच // यावद्धटीप्रमाणेन * क्रममाणनमोस्तुते // 50 // अग्रतस्तुनमस्तुभ्यंपृष्ठतश्वसदा नमः // पार्वतश्चनमस्तुभ्यंनमस्तेचास्तुसर्वदा / / 51 / / न मासुरारिहंत्रेचसोमसूर्याग्निचक्षुषे // नमोदिव्यायव्योमाय * सर्वतंत्रमयायच // 52 // नमोवेदांतवेद्यायसर्वकर्मादिसा / क्षिणे // नमोहरितवर्णायसुवर्णायनमोनमः // 53 // अरु णोमाघमासेतुसूर्योवैफाल्गुनेतथा // चैत्रमासेतुवेदांगोभानु वैशाखतापनः // 54 // ज्येष्ठमासेतपेदित्यआषाढतपतेर विः॥ गभस्तिःश्रावणेमासेयमोभाद्रपदेतथा // 55 // इषे / - For Private and Personal Use Only