________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आ० 5 // सर्वात्मासर्वकर्ताचसृष्टिजीवनपालकः॥हितःस्वर्गापव श्रमास्करेशनमोस्तुते // 6 // इतिप्रार्थना // नमोनमस्तेऽस्तु सदाविभावसोसर्वात्मनेसप्तहयायभानवे // अनंतशक्तिर्मणि|| भूषणेनददस्वभुक्तिमममुक्तिमव्ययाम् ॥७॥अर्कतुमूर्तिवि न्यस्यललाटेतुरविन्यसेत्॥विन्यसेन्नेत्रयोःसूर्यकर्णयोश्चदिवा * करम् // 8 // नासिकायांन्यसेद्भानुंमुखेवैभास्करन्यसेत् // प *र्जन्यमोष्ठयोथैवतीक्ष्णंजिवांतरेन्यसेत् // 9 // सुपर्णरेतसंकंठे स्कंधयोस्तिग्मतेजसम् // बावोस्तुपूषणंचैवमित्रंवैपृष्ठतोन्यसे त् // 10 // वरुणंदक्षिणेहस्तेत्वष्टारंवामतःकरे // हस्तावुष्ण करःपातुहृदयंपातुभानुमान् // 11 // उदरेतुयमविद्यादादित्यं नाभिमंडल।कट्यांतुविन्यसेद्धंसंरुद्रमूर्वोस्तुविन्यसेत् // 12 // जान्वोःसुगोपतिन्यस्यसवितारंतुजंघयोः॥ पादयोश्वविवस्वं * तंगुल्फयोश्चदिवाकरम् // 13 // बाह्यतस्तुतमोध्वंसंभगमभ्यं For Private and Personal Use Only