________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ****** ************************* माओहौंकनिष्ठिकाभ्यांनमः॥ओन्हःकरतलकरपृष्ठाभ्यांन *मःओन्हांहृदयायनमःओन्हींशिरसेस्वाहा।ओंहूंशिखायै| वषट्।ओंकवचायहुम् ॥ओन्हौंनेत्रत्रयायवौषट् ॥ऑन्हः अस्त्रायफट् // ओन्हांहींहूं,न्हौंन्हः // इतिदिग्बंध // अथ ध्यानम् // भास्वदनाब्यमौलिंस्फुरदधररुचारंजितंचारकेश *भास्वंतंदिव्यतेजःकरकमलयुतंस्वर्णवर्णप्रभाभिः॥ विश्वाका शावकाशग्रहपतिशिखरेभातियश्चोदयाद्रौसर्वानंदप्रदाताह रिहरनमितःपातुमांविश्वचक्षुः।।१।। पूर्वमष्टदलंप प्रणवादिप * तिष्ठितम् // मायाबीजंदलाष्टाग्रेयंत्रमुद्धरयेदिति // 2 // आदि त्यंभास्करमानुरविंसूर्यदिवाकरम् // मार्तडंतपनंचेतिदलेष्व ष्टसुयोजयेत् // 3 // दीप्तासूक्ष्माजयाभद्राविभूतिर्विमलातथा। अमोघाविद्युताचेतिमध्येश्रीःसर्वतोमुखी ॥४॥सर्वज्ञःसर्वगः चैवसर्वकारणदेवता // सर्वेशंसर्वहृदयंनमामिसर्वसाक्षिणम् , ********************** ********** For Private and Personal Use Only