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आचारांगसूत्रस्य
[पढि-भुजो
परुष
बूया
पुराण
पवीलए, निप्पीलए
अवबुज्झन्ति, ओबुज्झभाण; पबुद्ध, पीढ पीठ
फरुसया-सिया परुषता पडिबुद्ध; सुपडिबुद्ध, पडिबुज्झ, पुच्छ - १फल --
संबुज्झमाणा, अभिसंबुद्ध पुञ्छण प्रोञ्छन २फल फलक
बुसिमन्त बुसी संजमो-व्याख्या पुञ्ज - फलग ,
बेहि बोधि पुढवी प्रथिवी फलत्त फलत्व
ब्रू (धातु ) बेमि, बुइत्त, बुइय; पुढो पृथक्
फारुसिया पारुषता
फास स्पर्श पुण पुनर्
भइणी भगिनी फुसिय स्पष्ट पुणर् " पुणो ,
भगवन्त् पुण्ण पुण्य बज्झओ बाह्यतस्
भज् (धातु) विभयन्ति, विभए, पुत्त पुत्र बन्ध् (धातु) बद्ध
विभत्त पुरओ पुरतस् बन्ध -
भजा भार्या बन्धण बन्धन
भंजन पुरक्कार पुरस्कार
भञ्जक (भू ति भूमी, पुरथिम पुरस्तिम बंभ ब्रह्मन्
तीए जाया भंजगा, भंजगा वृक्षाः)
भण (धातु )पडिभाणी बंभवन्त ब्रह्मवन्त् पुरा
भत्त भक्त पुरिस पुरुष बलि -
भमुहा ध्रुवुका पुरे पुरस् बहिं बहिस्
भय बहिया बाह्यात्
भव पुलाग पुलाक
- पुव्व पूर्व
बहिरत्त बधिरत्व पुव्वं बहु
भायर भ्रातृ पूर्व
-
भाव पुवि ,
बहुग बहुक पुष् (धातु) पोसन्ति, पोसेन्ति, बहुयर बहुतर
भाष् (धातु ) भासामो, भासह, भापोसज्जा, पोसिय
सन्ति; भासिय; अभिभासे, अभि
भासिंसु पूर पूति
बहुसो बहुशस् पूयणा पूजन बाध् (धातु ) बज्झमाण, उब्बा.
भि भिद्
मिउर,-भे० भिदुर पृश् (धातु) पुच्छिमु, पुच्छि- हन्ति, उब्बाहिज्जमाण
भिक्खायरिया भिक्षाचर्या स्सामो, पुढ, अपुठ्ठ; पडिपुच्छमाण बाल -
भिक्खु भिक्षु पृ (धातु) पुण्ण, पूरइत्तए, पूरेइत्तए, बालया,-लिया बालता
भिक्खुणी भिक्षुणी पडिपुण्ण, संपुण्ण बाहा बाहू
भित्त पेच प्रेत्य बाहिं बाह्यम्
भिद् (धातु) भिज्जइ, अन्भे पेज प्रेयस् बाहिर-हर बाहिर
भी पेसल पेशल
- बाहिरग बाह्य
भीम - पहा प्रेक्षा ( ईक्ष धातु) बाहु - पहिण- प्रेक्षिन् बिईय, बी० द्वितीय
भीय भीत पोरिसी पौरुषी १बीय
भुज् (धातु ) भुंजे, भुजह, भुंजित्था, २बीय बीज
भुंजंत, भुजिय, अभोच्चा, भोत्तए फरिस स्पर्श
घुध् (धातु ) अबुज्झमाण, युद्ध; भुजो भूयस्
भाग
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