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सूत्रम् ॥१०४३॥
5. ज्यां बाधा न थाय त्यां ते घडो पाणी मुधांज मुकी दे, पण पाणी पाई आप्या पछी के खाली कर्या पछी तेने जलदी सुकाववा आचा०
लूसवो नहि, पण पाणी नीतर्या पछी थोडो मुकातां तडके मुकत्रो के लंछी नांखवो. ॥१०४३॥
वळी गृहस्थना घरमां गोचरी पाणी लेवा जतां पोतानां बीजां पात्रां साथे लइ जा, तेज प्रमाणे परगाम विहार करतां भणवा | | जतां स्थंडिल जतां पोतानां पात्रां साथे लइ जवां ए बधुं वस्त्र एसणा माफक जाणवू, पण फक्त अहीं पात्रां संबंधी जाणवू.
विशेष ए ध्यानमा राख, के वरसाद के झाकळ पडतुं होय तो पात्रां साथे न जq. आज साधुनी सर्व सामग्री छे के हमेशा | यतनाथी वर्तवू. इति पात्र पपणा.
छटुं अध्ययन समाप्त थयु.
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सातमुं अध्ययन अवग्रह प्रतिमा. छटुं अध्ययन कहीने सातमु कहे छे, तेनो आ प्रमाणे संबंध छे, पिंड शय्या वस्ख पात्र विगेरेनी एषणाओ अवग्रहने आश्रयी थाय छे, तेथी आवा संबंधे आवेला आ अध्ययनना चार अनुयोग द्वारा कहेवा जोइये, तेमा उपक्रमनी अंदर रहेल अधिकार आ छे, के साधुए आ प्रमाणे विशुद्ध अवग्रह लेबो, नामनिष्पन्न नियेपामां 'अवग्रह प्रतिमा' एवं नाम छे, तेमां अवग्रहना नाम स्थापना निक्षेपा सुगम होबाथी छोडीने द्रव्य विगेरे चार प्रकारनो निक्षेपो नियुक्तिकार बतावे हे.
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