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अमारा धर्मना नायको, (नीर्थकरो) शान रचनाराए साक्षात् जोय छे. अथवा, अमारा मोटा गुरु पासेथी अमे बथा अपारा वरगुरु आचा०४ पासेथी गुरुए सांभळ्यु के. अथवा ते धर्मनायकनी पासे सेवामा रहेनारा शिष्योए एम मान्यु के. अथवा तेमने आ युक्तिए युक्त
सूत्रम् 13 होवाथी मान्य छे. अथवा अमोने अधवा, अमारा धर्मनायकने आ जाणीतुं थे, ते तत्व भेदना पर्यायोबडे अमोए अथवा, अमारा ] ॥५२४॥
Aधर्मनायके पारकाना उपदेश्यी नहि; पण, स्वयं जाणेलुं छे के, उपर नीचे तथा, चार दिना, चार खुणा मळी दशे दिशामां तथा, ॥५२४॥ 15वां प्रमाणो ते, प्रत्यक्ष अनुमान ऊपमान आगम अर्थापत्ति विगेरेची वथा, मनना निश्चयथी अमे तथा अमारा गुरुए विचारी लीधुं 51
छे के:-सर्वे माणो, सर्वे जीवो, सर्वे भूतो, सर्वे सत्वो हणवा, हणावत्रा; संग्रह करवा; संतापया; दुःखी करवा तेमां कई दोष नयी । मतेम धर्मकार्यमां पण समजवु के, याग या करवामा अथवा, देवताने बनिदान आपयामां पाणी हणाय; तो, पापनो वंध नथी. आ||
प्रमाणे, केटलाक जैनेतर सन्यासीओ तथा पोताने माटे रसोइ बनावेली जमनारा ब्राह्मणो धर्म विरुद्ध तथा, परलोकविरुद्ध बोले . आ ममाणे, तेमनुं बोलवू जीबहिसार्नु होचायी पापना अनुबंधवाळ बचन अनार्यमणीत (रचेलु) छे, पण जेओ तेवा हिंसक इन्द्रिय मिय नयी. तेवाओ कहे ? ते बतादे छे. MH (तत्र वाक्यनी शरुआत करवा अथवा निर्धारण माटे के.) जेओ देश भाषा तथा चारित्र बडे आर्य (उत्तम गुणवाळा),
तेओ एम कहे छे, के अन्य मतवालाए जे कछु ते तेमणे खराब रीते देखेखें छे, अर्थात् तमोए अथवा तपारा गुरु तथा धर्मना हा नायकोए जीव हिंसानी पुष्टि करो तेथी नीचला दोषो तमने लागु पडे छे. (णं वाक्यालंकारमा छे) वळी तमे पाग अथवा देवताना
बलिदानमा हिंसाने निर्दोष मानो छो, परंतु आर्य पुरुषो तेमां पण दोष माने के. एवं बताबीने हवे आर्य पुरुषो पोतानो मत स्था
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