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आचा
सूत्रम्
अने उंची नीची दिशा जोडकुते अनुत्तर छे ते चार प्रदेश विगेरे रचनावाल्लं माणबुं वक्रीअंसो साईआओ बाहिरपासे अपजवसिआओ। सवाणंतपएसा सवा य भवंति कडजुम्मा ॥१५॥ एपी ए मध्यमां सादिक छे, कारण के रुचकने लीधे छे. अने बहारथी अलोकने आश्रयी रहेबाथी अपर्य बसित (अनन्त) छे, दशे पण दिशाओ अनन्त प्रदेशारिमका याय छे. अने बधी दिशाओमां जे प्रदेशो छे. ते चारे भागे भागतां चार चार शेरवाना वाय छे ते वषा प्रदेशरुप दिशाओ आगमनी संत्राए कड जुम्मा शब्दवडे बोलाय छे आगममां आ प्रमाणे छे. "कडणं भंते! जुम्मा पण्णत्ता? गोयमा! चत्तारि जुम्मा पपणत्ता तंजहा-कडजुम्मे तेउए दावरजुम्मे कलिओए से केणटेणं भंते! एवं उच्चइ? गोयमा! जे णं रासी चउक्कगावहारेणं अबहीरमाणे अवहीरमाणे चउपज्जवसिए सिया से गं कडजुम्मे एवं तिपज्जवसिए तेउए दुपजवसिए दावरजुम्मे एगपजवसिए कलिओए" ति. | गौतमस्वामी पूछे छे हे भगवन् ! केटला युग्म कह्या छ ? उत्तर-हे गौतम चार युग्म कह्या छे (१) कृत युग्म (२) व्योज (३)
द्वापर युग्म (४) कल्योन युग्म. प्रश्न.शा माटे एम कहो छो ? उत्तर. हे गौतम-जे राशीमांथी चार चार लइए मां जेटला चार वापार शेष रहे ते कृत युग्म जाणवो, पण प्रदेश बधे तो योन, ये वधे दो द्वापर, अने एक वधे तो कल्योन, युग्म एम जाणवू. हवे |
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