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पढ़िये!
अवश्य पढ़िये। हिन्दी जैन-साहित्यका अनमोल सचित्र ग्रन्थ-रत्न ।
आदिनाथ-चरित्र । हिन्दी जैन साहित्यमें आदिनाथ-चरित्रके समान अपूर्व द्रन्थरत्न अब तक कहीं नहीं छपा। इसमें आदिनाथ भगवानके तेरह भावोंका सम्पूर्ण चरित्र बहुत ही सरल, सरस सुन्दर और सुमधुर भाषामें उपन्यासके ढङ्गपर लिखा गया है। जो प्रत्येक नर-नारी और बालक-बालिकाओंके पढ़ने, सुनने, और समझने योग्य है। यह ग्रन्थ ऐसी सुरम्य शैलि पर लिखा गया है, कि एकबार पढ़ना आरम्भ करनेके बाद फिर विना पूरा पढ़े छोड़ने की इच्छा ही नहीं होता। उत्तमोत्तम भावपूर्ण सतरह चित्र लगाकर इस ग्रन्थ-रत्नकी शोभा सौगुनी बढ़ा दी गयी है। जिन्हें देखने पर श्री आदिनाथ भगवानका समय बायस्कोपकी तरह आँखोंके सामने घूमने लगता है। इतना होने पर भी इस अनुपम, सर्वाङ्ग-सुन्दर बहु-मूल्य ग्रन्थ-रत्नकी कीमत सुनहरी रेशमो जिल्दका केवल ५) रखा गया है। हम अपने समस्त जैन भाईयोंसे अनुरोध करते हैं, कि वे हमारा कामोंमें किफायत करके भी इस अलभ्य ग्रन्थ रत्नको मङ्गाकर जरूर पड़ें।
मिलनेका पत्ता-- पण्डित काशीनाथ जैन । २०१ हरिसन रोड (तोनतल्ला ) कलकत्ता ।
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