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अभय - रत्नसार ।
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६ वरियाली भी सचित्त कही जाती है; क्योंकि जो चीज़ें बोनेसे पैदा होती हैं, वह सवित्त हैं 1 अतएव सुखी वरियाली भी यदि सेकी हुई हो तभो काममें ला सकते हैं ।
७ नमक भी सवित है, परन्तु भूमिकायमें लिखे अनुसार अवित्त होनेपर व्यवहारमें ला सकते हैं ।
८ लाल सेंधानमक सचित्त है-सफेद सैंधव अवित्त है । ६ खड़िया भी सचित्त है । यह खाने के काममें तो नहीं आती पर मंजन बनानेके काममें आती है। इसे पहले कहे अनु सार अचित्त बनाकर व्यवहार करना चाहिये । कैम्फर चाँक आदि जो चीजें आती हैं, उनका व्यवहार नहीं करना चाहिये, क्योंकि मालूम नहीं, वे किस प्रकार बनायी जाती हैं ।
१० " वलित रस" शीर्षक के नीचे जिन चीजोंकी सूची दी हुई है, वे सब सचित्त हैं और इसीलिये अभक्ष्य हैं ।
११ उबाल देने पर पानी अचित्त हो जाता है। जहाँ जीव पड़ने का डर हो, वहाँ पानी कपड़ेसे ढककर रखना चाहिये । चौमासेमें । गरम किया हुआ पानी भी सिर्फ ३ पहर तक काम में ला सकते हैं। बादमें सचिन्त हो जाता है ।
१२ तरह- तरहके शरबत, सोडा गुलाबजल, केवड़ाजल, आदि कभी व्यवहारमें नहीं लाना चाहिये ।
१३ अंग्रेजी दवाएँ जो अर्ककी तरह हों, कभी नहीं लेनी । अगर लाचारी लेना ही पड़े तो प्रायश्चित्त भी करना चाहिये । बर्फ आदि एकदम अभक्ष्य है ।
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