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अभय - रत्नसार ।
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१५, चूरमे का लड्डु - यदि तला हुआ न हो तो दूसरे दिन बासी हो जाता है, नहीं; तो दूसरे तीसरे दिन भी खा सकते हैं । बहुत से लोग चूरमे के लड्डु या अन्य मिठाइयोंमें तिल डालते हैं । तिल अभय है इसलिये उसका त्याग करना चाहिये ।
१६, रसोई - गरमीके दिनों में सबेरेकी रसोई, ( दाल, भात, आदि ) शामको स्वाद हीन (चलित - रस) हो जाती है, इसलिये अभक्षय है । रोटी-पूरी भी बड़ी हिफ़ाज़त से रखना चाहिये ।
१७, भात - रांधे हुए भातपर यदि दही या छाँछु छीटे डाले जाये तो वह आठ पहर तक भचय रहता है; पर सवेरेका पकाया हुआ भात इसी तरह दहीके छींटे डाल कर रखा गया हो, तो सिर्फ उसी दिन तक भय रहता हैसूर्यास्त के बाद वह काम लायक नहीं रहता । १८, दही- सवेरेका जमाया हुआ दही
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