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अभय-रत्तसार ।
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१५ - बहुबीज - जिन फलोंमें बीज-बीजमें अन्तर न हो, अर्थात् एकसे दूसरा सटा हुआ इस प्रकार बीज हों, उनको बहुबीज जानना । इनके प्रत्येक बीजमें जोव होते हैं, इसलिये इनका व्यवहार नहीं करना । अनार अभक्ष्य नहीं है ।
१६ - आचार बहुतसी चीजों के बनते हैं, पर कोई-कोई तो तीन दिनमें ही अभक्ष्य हो जाते हैं । आचार अधिक तेल में डुबोये जानेसे चित हैं; क्योंकि ऐसा होने से उनके बिगड़ने का डर नहीं और तबतक वे भक्ष्य बने रहते हैं । आचारके बर्त्तन बड़ी सफाईसे और खूब अच्छी तर हसे मुंह बन्द करके रखे जाने चाहियें । जहाँतक हो सके, आचार जल्दी खाके ख़तम कर देने चाहियें। वर्षों तक पड़े रहने देना ठीक नहीं ।
१७ - द्विदल ऐसे पदार्थ जिनकी दो फाँक दाल हो सकती हो, जिनको पेरनेसे तेल नहीं निकले और जिनके रोपनेसे फल नहीं होता, इन
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