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६६२ भक्ष्याभक्ष्य विचार । इन्हें तो छना भो नहीं चाहिये। कितनी ही अंगोजी दवाएँ-जैसे, काडलीवर आयल (मछलीका तेल), और मुम्बई आदि कई औषधिये, चरवी वगैरहसे तैयार की जाती हैं। इनका सेवन करने वाले घोर नरकमें जानेका रास्ता तैयार करते हैं। जन्म, जरा, मरण, आधि, व्याधि
और उपाधिके दुःखसे छूटना हो, तो मनुष्य कभी इन चीजोंको न खाये।। मक्खन । छाँछमें से मक्खन निकालते ही तुरत उसमें जीव उत्पन्न होने लगते हैं, इसीलिये श्री अरिहन्त भगवान्ने इसका खाना मना किया है। प्रभुकी आज्ञाका अवश्यही पालन करना चाहिये।
ओस।-१० बर्फ, और ओले,—इन तीनोंमें भी बड़ादोष है । अपकाय (हर एक सचित्त पानी) को प्रत्येक बूंदमें असंख्य जीव होते हैं यदि ___ * मुबई नामक औषधी-पशु और मनुष्योंके कलेजेसे रक्त निकाल कर बनायी जाती है । इसलिये वह प्रत्यक्ष रूपसे अभक्ष्य है। इस औषधीके स्थान पर यदि शीलाजित काममें लाया जाय तो बड़ा ही लाभदायक है।
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