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६७८ विधि-संग्रह। खमासमण देकर इरियावहिय पढ़े। पीछे खमा० इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! पोसह मुहपत्ति पडिले हुँ ? इच्छ, कहकर मुहपत्ति पडिलेहण करे। पीछे खमा० इछा० पोसह संदिरताऊ? इच्छं, खमा० इच्छा० पोसह ठाऊं ? इच्छ', कहकर खड़े हो, हाथ जोड़कर तोन नवकार गिने । बाद इच्छकार भगवन् । पसाय करी पोसह दंडक उच्चरावोजी! (यदि आठ प्रहरका पोसह लेना हो तो "अहोरत्तं" कहे, दिनका लेना हो तो "दिवसं"कहे,और रात्रिकालेना होतो"रत्तं"कहे) बाद जो बड़ा आदमी हो वह करेमिभंते पोसहं० इत्यादि पोसहका पञ्चक्खाण तीनवार उच्चरावेयदि कोई बड़ा न हो तो आप तीनवार उचर लेवे॥ वाद रुमा० इच्छा० सामायिक मुहपति पडिलेहवू ? इच्छ, कहकर मुहपत्ति पडिलेहण करे॥ पीछे, रूमा० इन्छा० सामायिक संदिस्साहु ? इच्छं, इत्यादिक सामायिककी विधि के अनुसार पोसहकी विधि जानना। परंतु इरियावहिय न
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