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विधि-संग्रह।
(२०.) “णमोतित्त्थस्स” इस पदकी वीस माला गिनकर ५ पाँच लोगस्सका काउसग्ग करे। ___ इस प्रकार गुणना गिन कर विधि-पूर्वक वीसों
ओलीये सम्पूण करे। यदि शक्ति-सम्पन्न हो तो वीसों ओलोयोंका उत्सव धूम-धाम पूर्वक करे। यदि समस्त ओलोयोंका न कर सके तो जिन शासनकी उन्नतिके लिये एक अोलीका उत्सव तो अवश्य ही धूम-धामके साथ करे । इस जगह संक्षिप्त रूपसे यह विधि लिखि गयी है, इस लिये गुरुका संयोग हो तोवीसों पदोंकी सुविस्तृत विधि गुरु मुखसे समझ कर करे । यदि गुरुका संयोग न हो तो विवेकी पुरुष इसी विधिके अनुसार समझ कर अोलीकी अराधना करे। तपस्या करते समय वीस स्थानकका स्तवन जो इस विधिके ऊपर दिया है, उसे पढ़ या किसोसे श्रवण करे। अनन्तर मन्दिरमें वीस स्थानककी पूजा पढ़ावे । अपनी शक्तिके अनुसार वीस-वीस ज्ञानोपकरण बनवावे। देव-पदका देवमें, ज्ञान-पदका ज्ञानमें
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