________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
विधि-संग्रह। वाचक समयसुंदर इम पभणे पूरो मनह जगीस ॥ १४॥
पखवासा-तपकी विधि । पहले शुभ दिन गुरुके पास जा करके शुक्ल प्रतिपदासे पूणिमा तक निरन्तर १५ पनरह उपवास करे । यदि शक्ति न होतो पहले शुक्लपक्षकी एकम और दूसरे शुक्लपक्षको दूजका उपवास करे, इस तरह अनुक्रमसे पनरह शुक्लपक्षमें तपस्या पूर्ण करे और श्रीमुनिसुव्रत स्वामीका भावगर्भित स्तवन पढ । यदि गुरुका संयोग होतो गुरूके पास जाकर श्रवण करे। "श्रीमुनिसुव्रतस्वामो सर्वज्ञायनमः” इस पदको २००० बार गुणना करे। इसके बाद तपग्रहण विधि तथा देववंदनादिककी विधिके अनुसार विवेकी पुरुष सारी तपस्याकी विधि पूर्ण करे। संयुक्त विधि करनेसे उत्तम फलको प्राप्ती होती है।
दश पच्चस्काण-तपका स्तवन । ॥ दहा ॥ सिद्धारथ नंदन नम, महावीर
how
ह
beo
For Private And Personal Use Only