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पूजा-संग्रह। भलं । निपजावी जिनपद निरमलं ॥ आऊ बंध विचै इक भव करी। श्रद्धा संवेगथी थिर धरी, तिहाथी चविय लहैं नर भव उदोर । भरतें जिम ऐवतेज सार। महा विदेह विजय प्रधान । मझ खडै अवतरे जिन निधान । ___ ढाल ॥ पुण्ये सुपना ए देखें। मनमें हर्ष विशेषे॥ गजवर उज्जल सुन्दर । निर्मल वृषभ मनोहर । निर्भय कसरी सिंह । लखमी अतिह अवीह ॥ अनुपम फलनी माला । निर्मल शशि सुकमाल ॥ तेज तरण अति दोपै। इन्द्र ध्वजा जग जीपै ॥ पूरण कलस पंडूर । पदम सरोवर पूर ॥ इग्यारमे रयणायर। देखे माताजी गुण सायर ॥ बारमें भुवन विमान । तेरमें रत्न निधान ॥ अग्नि शिखा निरधूम । देखें माताजी अनुपम ॥ हरखी रायने भासें। राजा अर्थ प्रकाशें । जगपति जिनवर सुखकर। होस्ये पुत्र मनोहर ॥ इन्द्रादिक जसु नमस्यें । सकल मनोरथ फलस्यें॥
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