________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अभय रत्नसार ।
२८३
सित्तर सुख कंद || ६ || विमल विमल गुणकर गंभीर, साठ धनुष जसु मान सरीर । अनंत ज्ञान अनंत प्रकाश, देह प्रमांण धनुष पच्चास ॥७ ॥ पनरम धरमनाथ जगदीस, मांन धनुष जस पैंतालीस ॥ शांति करण शोलम जिन शांति, देह धनुष चालीस सोभंति ॥ ८ ॥ सतरम कुंथु जगदाधार, मांन धनुष पेंत्रीस उदार ॥ अर अठारम दीनदयाल, त्रीस धनुष तन अति सुविशाल ॥ ६॥ मल्लिनाथ जिन उगणीसमो, मांन पच्चीस धनुष पय नमो ॥ वीसम मुनिसुव्रत अरिहंत, वीस धनु तनु मांन कहंत ॥ १० ॥ इकवीसम नमिजिनरा जान, धनुष पनरे तसु रूप निधान । बावीसम श्रीनेमजिनंद, दस धन दोपै जांग दिद ॥ ११ ॥ तेवीसम श्री पारसनाथ, नील वरण सोहे नव हाथ ॥ चोवीसमा जिनवर श्री वीर, सात हाथ जगनाथ सरीर ||१२|| इस परि ए जिनवर चोवीस, प्रण में प्रह शम धरिय जगी
For Private And Personal Use Only