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Jaina Literature and Philosophy
[ Appendix
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मयूर II-26, 13 लक्ष्मीधर जोशी I-118,30 पूष( बरामजी II-221,16
(i) Works & their Sections अनुयोगद्वार I-298,8 आज्ञा(चा)र 1-172, 23 आवश्यक I-246, 13 आवस्मय I-256,1 इसिमण्डलस्तववृत्ति I-103, 3 उत्तरझ(ज्झायण 1-256,. कल्पसूत्र (a section of दसायक्वन्ध) I-329, 20 कल्याणमन्दिर II-227,6 इसकालिय I-256,1 नन्दीसूत्र I-298,8 नवकार (a section of आवस्सय) IL-115,26 नवकारि II-61,30 'मागवतपुराण IT-161, 15 महाभाष्य 1-246, 17.8. विशेषावश्यक
महिम्नःस्तोत्र II-160, 22 विशेषावश्यक I-246, 17.8. महाभाष्य
बीरस्तव I-36,10 साचार 11-65, 32 सारापली II-121,18 सिन्दरप्रकर I-107,8 सूर्यसहस्रनाम II-37, 3-4; 151, 7; 157, 1
(i) Miscellanea आनन्दवर्घसारदर्शन (? प्रन्थ ) 1-49, 10 कमला (विया) 1-103, 22 कलि II-306,2 'कलिकाल'कालिदास (बिरुद ) 1-98,3 कलियुग I-156,7 कापिल II-198,30 खमासमण I-92, 19 खरतर (बिरुद) I-87,3 ? गोवन्द I-166,5
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1 This is a non-Jaina work. 2 This is anon-Jaina work.