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78.]
A-Alashkara.
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काव्यप्रकाशटीका (० उदाहरणचंद्रिका)
Kāvyaprakāśatikā (0 Udaharanacandrika)
100148.
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No. 78
1902-1907. Size.— 12} in. by 44 in. Extent.— 170 leaves ( plus one title leaf in the beginning ); 7 lines
to a page ; 49 letters to a line. Description.- Modern paper, thick, and white in appearance,
Devanagari characters; hand-writing, bold, careful and legible; the Ms is complete ; folios 64, 66, 98, 100, 102,
II2, II7, 149, are not numbered:-- ... Folio 122 is written as 22 124 "
,, 24
125
"
25
27.
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126 127
129 Age.- Samvat I923. Author.-- Vaidyanatha, son of Rāmabhatta. Begins---
श्रीगणेशाय नमः। निजभक्तधुरीणस्य गिरं कर्तुं गरीयसीम् । स्तंभादाविः कृताकारं नमामि कुलदैवतम् ॥१॥ गंगौद्भासितमौलिश्चंद्रकलाकलितशेखरः सततं । अंगीकृतगलगरलो जयति जयंती पतिजगाते॥२॥ यत्पदांबुरुहद्वंद्वमिलिदीकृतमानसाः। भक्ता भवति सिद्धानां सदनं तामुमां भजे ॥३॥ उत्तुंगकुंभयुगलांविलिप्तचारू। सिंदूरपूररुचिराय गजाननाय । दूरातता खिलसुपर्व किरीटरत्न । नीराजितांघ्रियुगलाय सदा नतोस्मि ॥४॥ आधाय हदि वाग्देवी चरणांबुजमादरात् । कुर्वे प्रकाशवद्ामुदाहरणचंद्रिकाम् ॥ ५॥ चिरंतनकता व्याख्याः समालोच्य यथामति । रचिता वैद्यनाथेन रामचंद्रात्मजन्मना ॥६॥