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796 ,, 800
814
" 746.
,,753
1072.] III.4 Malasatras
427 (1) लघुक्षेत्रसमास .
foll. Ios to 108'. (2) पिण्डविशुद्धि No. 413 , 1080 ,, IIT. (3) श्रावकवक्तव्यता
, III , II4. (4) पञ्चलिङ्गीप्रकरण
,, II , II7. (5) शीलोपदेशमाला
,, 17 ,, 138. (6) वीतरागस्तोत्र
,, 138° ,, 1420. (7) प्रणिपातसूत्र
,884 fol. 189. (8) ईर्यापथिकीसूत्र (9) उत्तरीकरणसूत्र (10) कायोत्सर्गसूत्र (II) नामस्तव (12) चैत्यस्तवप्रतीक ,, 826 (13) प्रबोधचैत्यवन्दन
5, 189] (14) 'दर्शनं देवादि'स्तव (15) वरकनकसूत्र
" " (16) तीर्थवन्दनसूत्र
,,749 (17) शक्रस्तव (18) चैत्यस्तव
,, 821 (19) कायोत्सर्गसूत्रप्रतीक (20) श्रुतस्तव
,,833 foll. 189,, I90 (21) श्रुतस्य भगवतः ,, 905 fol. 190*.. (22) सिद्धस्तव
,,835 (23) वैयावृत्त्यकरसूत्र (24) कायोत्सर्गसूत्रप्रतीक ,, 807
25) संसारदावानलस्तुति ,, 849 (26) जावंति चेइयाई (27) जावंत के वि साहू ,, 763 (28) नमोऽहत्
,, 897 (29) उपसर्गहरस्तोत्र (30) प्रार्थनासूत्र
786 (31) वन्दनकसूत्र
,853. (32) देवसिकालोचनासूत्र ,859 (33) सम्बस्स वि..
"9II . (34) गुरुक्षामणासूत्र
,,867 (35)एकाशनादिप्रत्याख्यान ,937 ___foll. 190° ,, I9. (36) आचाम्लप्रत्याख्यान ,,950 _fol. I9I. (37) त्रिविधाहारोपवासप्रत्याख्यान, 934 " " .
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