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III. 4 Malasutras
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Begins.~~ ( com. ) fol. 14 एहनउ अर्थ ए हवउ जे श्रीवीर वर्द्धमानस्वामि तेह
नइ नमुं नमस्कार करूं केहवउ छइ श्रीवीर संसाररूपीयओ जे दावानल दावाग्नि तेहना दाह बझाइवीनइ । निमित्ति नीर कहता पाणी तीयइ समान सरिषओ etc.
Ends. — ( text ) fol.rb
बोधागाधं etc. up to देव ( वि ! ) सारं ४ as in No. 849. ,,—( com. ) fol. rh वली तार कहतां निर्मल मो (मौ) क्तिक तेहनउ जे हार मौक्तिकलता तिणइ करी अभिराम मनोज्ञ छइ वली वाणी कहतां भगवंतनी भाषा तेहनउ जे संदोह समूह तेहिज देह शरीर छइ जेहनओ एतलइ विरहा (हां ) कित श्रीहरिभद्रसूरिकृत स्तुतिनी व्याख्या पूर्ण थई ॥ ४ ॥ श्री